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प्रयागराज: आकाशीय बिजली का कहर, मड़ई में सो रहे मासूम बच्चियों समेत माता-पिता की दर्दनाक मौत

प्रयागराज: आकाशीय बिजली का कहर, मड़ई में सो रहे मासूम बच्चियों समेत माता-पिता की दर्दनाक मौत

प्रयागराज के बारा थाना क्षेत्र में बीती रात आकाशीय बिजली गिरने से एक परिवार की मड़ई जल गई, जिसमें माता-पिता और दो मासूम बच्चियों की दर्दनाक मौत हो गई, पूरे गांव में मातम छाया।

प्रयागराज: बारा थाना क्षेत्र के सोनवर्षा हल्लाबोल गांव में गुरुवार की रात जो घटा, उसने न केवल एक पूरे परिवार की जिंदगी छीन ली, बल्कि गांव भर को शोक में डुबो दिया। दैवीय आपदा की मार इस कदर कहर बनकर टूटी कि एक झटके में मां-बाप और उनकी मासूम बेटियों की जीवनलीला समाप्त हो गई। रात के सन्नाटे में एक तेज चमक और गड़गड़ाहट के साथ गिरी आकाशीय बिजली ने परिवार के लिए कभी न मिटने वाला अंधेरा छोड़ दिया।

वीरेंद्र वनवासी (35) अपनी पत्नी पार्वती (32) और दो मासूम बेटियों राधा (3) और करिश्मा (2) के साथ अपनी मड़ई में दो चारपाई पर सो रहे थे। गांव के सादे जीवन में यह मड़ई उनके लिए एकमात्र छत थी। लेकिन किसे पता था कि वही छत रात में उनकी चिता बन जाएगी। तेज गर्जना के साथ आकाश से गिरी बिजली सीधे उनकी मड़ई पर आ गिरी, और पल भर में आग की लपटों में सब कुछ स्वाहा हो गया। जलती मड़ई से उठती चीखें जब गांववालों तक पहुंचीं, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चारों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

सुबह होते ही जब लोगों को घटना की जानकारी मिली तो पूरे गांव में मातम पसर गया। चीख-पुकार के बीच कोई कुछ बोलने की स्थिति में नहीं था। वीरेंद्र, जो मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालता था, गांव में मेहनती और ईमानदार के रूप में जाना जाता था। ग्रामीणों के अनुसार, वह अपनी बेटियों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित रहता था और बच्चों को पढ़ाने की ख्वाहिशें संजो रहा था। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया। स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। क्षतिग्रस्त मड़ई का दृश्य रोंगटे खड़े कर देने वाला था। जली हुई चारपाइयां, राख में तब्दील छप्पर और उसके बीच लाशों की मौजूदगी, मानो किसी भीषण त्रासदी का मूक गवाह बन गया हो। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और परिवार को राहत राशि देने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

जिलाधिकारी ने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पीड़ित परिवार को यथासंभव सहायता पहुंचाने का आश्वासन दिया है। वहीं ग्रामीणों की मांग है कि मृतकों के परिजनों को सरकार की ओर से स्थायी सहायता दी जाए और गांव में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

यह हादसा केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि एक बड़े सवाल की ओर इशारा करता है। क्या हम दैवीय आपदाओं से निपटने को लेकर पर्याप्त सजग हैं। क्या गरीब तबकों के पास ऐसी विपत्तियों से बचाव का कोई साधन है।

सोनवर्षा गांव में अभी भी उस रात की गूंज सुनाई देती है। एक ही परिवार के चार लोगों की असामयिक मौत ने न केवल गांव की रफ्तार रोक दी है, बल्कि पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया है। इस घटना ने दिखा दिया कि प्रकृति का गुस्सा कब और कैसे कहर बन जाए, कहा नहीं जा सकता। यह केवल एक समाचार नहीं, बल्कि इंसानी संवेदनाओं की उस पीड़ा का दस्तावेज है, जिसे शब्दों में समेटना मुश्किल है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Sun, 15 Jun 2025 12:56 PM (IST)
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Tags: prayagraj news aakashiy bijli heartbreaking incident

Category: uttar pradesh accident

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