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प्रयागराज: बेदौली गांव में दर्दनाक हादसा, गड्ढे में डूबने से दो सगे भाई-बहन समेत चार मासूमों की मौत

प्रयागराज: बेदौली गांव में दर्दनाक हादसा, गड्ढे में डूबने से दो सगे भाई-बहन समेत चार मासूमों की मौत

प्रयागराज के बेदौली गांव में ईंट भट्ठा के पास बने गड्ढे में डूबने से दो सगे भाई-बहन सहित चार मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जिससे पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई.

प्रयागराज: मेजा/इंसानी संवेदनाओं को झकझोर देने वाली एक दर्दनाक घटना ने बुधवार सुबह पूरे बेदौली गांव को गमगीन कर दिया। गांव के ही ईंट भट्ठा के पास बने गड्ढे में जब चार मासूम बच्चों के शव पानी में उतराते हुए मिले, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं। मरने वालों में दो सगे भाई-बहन समेत चार मासूम शामिल थे, जिनकी उम्र तीन से पांच साल के बीच थी। इस हृदयविदारक हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है।

बेदौली गांव की आदिवासी बस्ती के अधिकतर लोग मजदूरी कर अपने परिवार का पेट पालते हैं। गांव में ही चल रहे एक ईंट भट्ठा के पास बारिश के पानी से भरा गहरा गड्ढा इन बच्चों की असमय मौत की वजह बन गया। बताया गया कि ईंट भट्ठा संचालक ने मिट्टी निकालने के लिए यह गड्ढा खुदवाया था, जो अब बरसात में पानी से भर गया था और खतरनाक तालाब का रूप ले चुका था। न तो इसके आसपास कोई सुरक्षा इंतजाम थे और न ही चेतावनी का कोई बोर्ड।

मंगलवार की दोपहर बस्ती के लोग मनरेगा के तहत काम करने चले गए थे। शाम करीब पांच बजे जब वे घर लौटे तो उन्होंने पाया कि चार बच्चे हुनर (5 वर्ष) और उसकी बहन वैष्णवी (3 वर्ष), संजय आदिवासी का बेटा खेसारी लाल (5 वर्ष), और विमल आदिवासी का बेटा कान्हा (5 वर्ष) अपने घरों से लापता हैं। गांव वालों ने तुरंत बच्चों की तलाश शुरू की, लेकिन रात भर कोई सुराग नहीं मिला। इस पर मेजा पुलिस ने रात में ही गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर खोजबीन शुरू कर दी थी।

बुधवार सुबह जब कुछ ग्रामीणों की नजर पास ही ईंट भट्ठे के गड्ढे पर पड़ी, तो वहां चारों बच्चों के शव पानी में उतराते हुए नजर आए। एक ही झटके में गांव पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा। बस्ती में चीख-पुकार मच गई। चारों बच्चों को जैसे-तैसे बाहर निकाला गया और तत्काल उन्हें सीएचसी रामनगर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही एसीपी मेजा एसपी उपाध्याय, एसडीएम सुरेंद्र प्रताप यादव और मेजा थाना अध्यक्ष राजेश उपाध्याय दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। स्थानीय प्रशासन ने चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का प्रारंभिक अनुमान है कि बच्चे खेलते-खेलते अनजाने में पानी भरे गड्ढे की ओर चले गए और फिसलने के बाद डूब गए।

एसडीएम मेजा सुरेंद्र प्रताप यादव ने जानकारी दी कि मृत बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस दुखद समाचार के बाद गांव में मातम पसरा है। हीरा आदिवासी का पूरा परिवार, जिसने अपने दो बच्चों को खोया है, सदमे में है। पास-पड़ोस के लोग उन्हें ढांढ़स बंधाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस त्रासदी का असर पूरे गांव की फिजा में साफ झलक रहा है।

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