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पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हादसे में महिला व चार बच्चों की मौत, जनाजे में पहुंचे पड़ोसी की भी सदमे से गई जान

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हादसे में महिला व चार बच्चों की मौत, जनाजे में पहुंचे पड़ोसी की भी सदमे से गई जान

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हादसे में कांस्टेबल की पत्नी व चार बच्चों की मौत, जनाजे में पहुंचे पड़ोसी शब्बू की भी सदमे से मृत्यु

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर बुधवार को हुए भीषण हादसे ने दो परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया। हादसे में यूपी पुलिस के कॉन्स्टेबल जावेद अशरफ सिद्दीकी की पत्नी और चार बच्चों की मौत हो गई। गुरुवार को जब पांचों के जनाजे एक साथ उठे तो पूरे गांव में मातम फैल गया। हर तरफ रोने की आवाजें गूंजने लगीं और माहौल ऐसा हो गया जिसमें मौजूद कोई भी व्यक्ति अपने आंसू रोक नहीं सका। इसी गमगीन माहौल के बीच एक और दुखद घटना सामने आ गई जब जनाजे में शामिल होने आए कॉन्स्टेबल के पड़ोसी और करीबी शब्बू की भी अचानक मौत हो गई। वह बच्चों को अपने भांजे की तरह मानते थे और पांच जनाजों को देख कर सदमा सहन नहीं कर सके। उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ और लोगों ने उन्हें कब्रिस्तान के एक किनारे बैठाया, लेकिन कुछ ही देर में उनकी सांसें थम चुकी थीं।

कॉन्स्टेबल जावेद अशरफ सिद्दीकी आजमगढ़ में तैनात हैं और वहां किराए के मकान में रहते हैं। उनके पड़ोस में शब्बू का परिवार रहता था और दोनों परिवारों के बीच घरेलू संबंध थे। जावेद के बच्चे उन्हें मामू कहते थे, इसी वजह से शब्बू बच्चों की मौत की खबर सुनते ही जनाजे में पहुंच गए। लेकिन जिस तरह पांच जनाजे एक साथ उठे, उससे उनका मनोबल टूट गया और वह इस दुखद घटना को सहन नहीं कर सके। धीरे धीरे हुए दर्द और तनाव ने उनकी हालत बिगाड़ दी और उनकी भी जान चली गई। यह घटना वहां मौजूद हर व्यक्ति को और अधिक विचलित कर गई।

जावेद की पत्नी चांदनी उर्फ गुलफ्शां और उनके चारों बच्चों इस्मा, इलमा, समरीन और जियान के पोस्टमॉर्टम के बाद गुरुवार को उनके शवों को वाराणसी के लोहता गांव लाया गया। यहां दोपहर में जनाजे निकले और पूरा गांव गम में डूब गया। बड़ी संख्या में रिश्तेदार और ग्रामीण जनाजे में शामिल हुए। नमाज ए जनाजा के बाद सभी को पैतृक जमीन पर दफनाया गया। दोपहर करीब तीन बजे पांचों को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति के लिए असहनीय था और लोग टूटे हुए मन से इस दर्दनाक विदाई का हिस्सा बने।

हादसा कैसे हुआ था यह भी उतना ही पीड़ा देने वाला है। जावेद अशरफ की पत्नी और बच्चे बुधवार को वैगनआर कार से लखनऊ जा रहे थे। कार जावेद के साले जीशान के नियंत्रण में थी। दोपहर करीब ढाई बजे बाराबंकी में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पार करते समय कार हाईवे पर खड़ी थी और उसी दौरान एक ब्रेजा कार ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों कारों में आग लग गई। वैगनआर में सवार जावेद की पत्नी और चारों बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। लाशें सड़क पर बिखर गईं और आग की लपटों ने कारों को पूरी तरह जला दिया। हादसे में जीशान गंभीर रूप से घायल हुआ है और उसका इलाज जारी है।

ब्रेजा कार में सवार दिल्ली के दक्षिणपुरी निवासी दीपांशु मिश्रा, उनकी बहन दीप्ति, तृप्ति और प्रगति मिश्रा भी घायल हुईं। दीप्ति की हालत नाजुक बताई जा रही है। फायर कर्मियों ने आग बुझाने में काफी समय लगाया, लेकिन तब तक दोनों कारें खाक हो चुकी थीं। वैगनआर में लगे सीएनजी सिलेंडर ने आग को और अधिक भड़का दिया। ब्रेजा कार दिल्ली नंबर की और वैगनआर गाजियाबाद नंबर की थी।

इस हादसे ने जावेद के परिवार को निराशा के ऐसे दायरे में पहुंचा दिया है जहां शब्द भी सांत्वना देने में असमर्थ दिखते हैं। इससे ठीक 18 दिन पहले ही जावेद के पिता मंजाद खान का निधन हुआ था, जिन्हें हार्ट अटैक आया था। वह यूनियन बैंक में कैशियर पद से रिटायर हुए थे। गुरुवार को जावेद की पत्नी और बच्चों को भी उनकी ही कब्र के पास दफनाया गया, जिससे पूरा परिवार एक ही जगह पर विश्राम कर रहा है। यह घटना दो गांवों और दो परिवारों के लिए ऐसी त्रासदी बन गई जिसे आसानी से भुलाया नहीं जा सकेगा।

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