वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से एक सख्त कदम उठाया है। विश्वविद्यालय की परीक्षा संचालन समिति ने निर्णय लिया है कि इस शैक्षणिक सत्र से ऐसे किसी भी महाविद्यालय को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा, जहां अनुमोदित प्राचार्य, प्रबंध समिति या चयनित शिक्षक नहीं हैं। यह निर्णय परीक्षा की शुचिता और विश्वसनीयता को मजबूत करने के लिए लिया गया है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कदम परीक्षा संचालन में किसी भी प्रकार की अनियमितता और पक्षपात को रोकने की दिशा में एक निर्णायक पहल है। अधिकारियों के अनुसार, परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि केंद्रों पर योग्य और अधिकृत शिक्षक मौजूद हों ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रूप से संचालित हो सके।
परीक्षा संचालन समिति ने यह भी तय किया है कि जो कॉलेज लगातार तीन वर्षों से परीक्षा केंद्र बने हुए हैं, उनकी समीक्षा की जाएगी। अब अन्य योग्य, व्यवस्थित और सुविधायुक्त संस्थानों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि सभी कॉलेजों को समान अवसर मिल सके। विश्वविद्यालय का मानना है कि यह परिवर्तन न केवल परीक्षा केंद्रों के चयन की प्रक्रिया को न्यायसंगत बनाएगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में शिक्षा संस्थानों के बीच प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता को भी बढ़ावा देगा।
समिति ने स्पष्ट किया कि परीक्षा केंद्र निर्धारण के पुराने नियम, जो छात्र संख्या के आधार पर केंद्र तय करते हैं, यथावत रहेंगे। केवल उन्हीं कॉलेजों को केंद्र बनाया जाएगा, जहां निर्धारित छात्र संख्या पूरी होगी। हालांकि, इस नए नियम के लागू होने से जौनपुर और गाजीपुर जिलों में परीक्षा केंद्रों की संख्या घट सकती है, क्योंकि कई छोटे कॉलेज अनुमोदन या आवश्यक सुविधाओं की कमी के कारण अयोग्य हो जाएंगे।
विश्वविद्यालय ने परीक्षा केंद्रों के लिए कुछ अनिवार्य शर्तें भी जोड़ी हैं। अब केवल वे महाविद्यालय परीक्षा केंद्र बन पाएंगे जिनमें बिजली, इंटरनेट, सीसीटीवी कैमरे, बाउंड्रीवॉल, पेयजल और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रशासन का कहना है कि ये सुविधाएं परीक्षा की निगरानी और अनुशासन को सुनिश्चित करने के साथ-साथ पारदर्शिता को भी और मजबूत करेंगी।
यह निर्णय विश्वविद्यालय की उस पहल का हिस्सा है जिसके तहत शिक्षा और परीक्षा प्रणाली को अधिक जवाबदेह और निष्पक्ष बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कदम आने वाले समय में न केवल परीक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करेगा बल्कि विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच विश्वविद्यालय की साख को भी और ऊंचा उठाएगा।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय का कड़ा निर्णय, अब बिना प्राचार्य वाले कॉलेज नहीं बनेंगे परीक्षा केंद्र

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं; बिना अनुमोदित प्राचार्य वाले कॉलेज अब परीक्षा केंद्र नहीं होंगे।
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