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वाराणसी: कुणाल हत्याकांड पर सपा का प्रदर्शन, पुलिस पर आरोपियों को बचाने का लगाया आरोप

वाराणसी: कुणाल हत्याकांड पर सपा का प्रदर्शन, पुलिस पर आरोपियों को बचाने का लगाया आरोप

वाराणसी में कुणाल गोंड हत्याकांड पर सपा ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाते हुए कमिश्नर को हटाने की मांग की।

वाराणसी: चोलापुर के तेवर गांव के कुणाल गोंड हत्याकांड को लेकर सियासत और तेज हो गई है। सोमवार को समाजवादी पार्टी ने जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रही है, बल्कि एक मंत्री के दबाव में आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान सपा ने पुलिस कमिश्नर को वाराणसी से हटाने की मांग की और कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में लगातार हत्याएं हो रही हैं, लेकिन पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है।

प्रदर्शन की अगुवाई सपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री व्यासजी गोंड तथा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने की। सपा कार्यालय से निकले जुलूस में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और तेवर गांव के ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। जिला मुख्यालय पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की, "कुणाल के हत्यारों को फांसी दो", "हत्यारों को गिरफ्तार करो" जैसी गूंज पूरे परिसर में सुनाई दी।

बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन कैंट और शिवपुर थाने की पुलिस फोर्स मौके पर बुला ली। प्रदर्शनकारियों ने जिला मुख्यालय पर एसीएम तृतीय को ज्ञापन सौंपा। इसमें आरोप लगाया गया कि पीड़ित परिवार की एफआईआर तक दर्ज नहीं की जा रही है और पुलिस मामले को सड़क हादसा बताकर दबाने की कोशिश कर रही है। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

प्रदर्शन में रीबू श्रीवास्तव, किशन दीक्षित, संतोष यादव एडवोकेट, राहुल यादव, जवाहर, सुनील यादव, डीके मौर्य और गोपाल पांडेय समेत कई सपा नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

आपको याद दिलाते चले की 21 जुलाई को वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र के तेवर गांव निवासी 18 वर्षीय कुणाल गोंड का शव नाद नदी के किनारे मिला था। एक दिन पहले वह अपने दोस्तों करण, आशीष और नन्हकू के साथ जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने घर से निकला था। देर रात जब वह वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने तलाश शुरू की। अगले दिन सुबह ग्रामीणों ने नदी किनारे शव देखा और परिवार को सूचना दी।

परिजनों का आरोप है कि कुणाल की हत्या उसके ही साथ गए दोस्तों ने की है, जिनसे रास्ते को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। उनका कहना है कि यह मामला सड़क हादसे का नहीं बल्कि योजनाबद्ध हत्या का है। परिवार ने पुलिस पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि वास्तव में हादसा हुआ होता तो कुणाल के साथ गए अन्य दोस्तों को भी चोट आती और उनकी बाइक भी क्षतिग्रस्त होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं मिला।

पुलिस ने शुरुआती जांच में इसे हादसा बताते हुए बयान जारी किया था, जिस पर परिवार ने कड़ा विरोध जताया। अब इस प्रकरण ने राजनीतिक रंग ले लिया है और विपक्ष लगातार सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा कर रहा है।

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