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अलीगढ़: सपा के संविधान मान स्तंभ दिवस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं में आपस में हुई भिड़ंत, जमकर चले लात-घूंसे

अलीगढ़: सपा के संविधान मान स्तंभ दिवस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं में आपस में हुई भिड़ंत, जमकर चले लात-घूंसे

अलीगढ़ में सपा के संविधान मान स्तंभ दिवस पर कार्यकर्ताओं में मंच पर हुई हाथापाई, पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आई।

अलीगढ़: समाजवादी पार्टी द्वारा शनिवार को आयोजित संविधान मान स्तंभ स्थापना दिवस समारोह पार्टी अनुशासन की गंभीर अनदेखी का गवाह बन गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जहां संविधान के मूल्यों को सम्मान देना था, वहीं आयोजन स्थल पर मंच पर ही सपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी की मौजूदगी में मंच पर धक्का-मुक्की, गाली-गलौज और हाथापाई तक की नौबत आ गई। पार्टी के अंदरूनी गुटबाजी और असंतोष खुलेआम सामने आ गया।

कार्यक्रम का आयोजन आईटीआई रोड स्थित एक लॉज में किया गया था, जहां सुबह 11 बजे से ही समाजवादी पार्टी के नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुटने लगे थे। माहौल शुरुआत में शांतिपूर्ण था, लेकिन दोपहर 1:15 बजे के आसपास जैसे ही मुख्य अतिथि सलीम इकबाल शेरवानी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, मंच पर बैठने को लेकर पूर्व महानगर अध्यक्ष अज्जू इस्हाक और जिला महासचिव मनोज यादव के बीच विवाद शुरू हो गया। आरोप है कि किसी ने मंच पर ही मनोज यादव को अपशब्द कह दिए, जिसके बाद दोनों पक्षों में जमकर गाली-गलौज हुई।

इस बीच पूर्व विधायक वीरेश यादव भी विवाद में कूद पड़े और स्थिति और बिगड़ गई। मंच पर मौजूद नेताओं के समर्थक भी टकरा गए। हाथापाई तक बात पहुंच गई, कई कार्यकर्ताओं के कपड़े फट गए और कुछ को नीचे गिरा दिया गया। करीब 10 मिनट तक मंच पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। स्थिति इतनी बेकाबू हो गई कि छर्रा के पूर्व विधायक राकेश सिंह कार्यक्रम स्थल छोड़कर चले गए। हंगामा शांत कराने पहुंचे पुलिसकर्मी भी कार्यकर्ताओं के सामने असहाय नजर आए।

कार्यक्रम स्थल पर 20 मिनट तक भारी हंगामा चलता रहा। आखिरकार, जिला महासचिव मनोज यादव ने हाथ जोड़कर समर्थकों को शांत करने की कोशिश की। इसके बाद सलीम इकबाल शेरवानी ने मंच से संक्षिप्त संबोधन में कहा, "माहौल बनाना आसान होता है, लेकिन उसे बनाए रखना ही असली नेतृत्व है। जमीन से जुड़कर काम करने वाला ही सच्चा नेता होता है।" उन्होंने छात्राओं को रेंजर साइकिल वितरित कर समारोह का समापन किया।

घटना को लेकर नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। पूर्व विदेश राज्य मंत्री शेरवानी ने इसे भविष्य की तैयारी का उत्साह बताते हुए कहा, "यह 2027 की गर्मी है। जोश में थोड़ा बहुत टकराव हो जाता है। हर घर और हर संगठन में इख्तिलाफ होते हैं। हमें मिलकर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना है।"

पूर्व महानगर अध्यक्ष अज्जू इस्हाक ने इसे सामान्य नोकझोंक बताते हुए कहा कि "बड़े परिवार में ऐसा होता रहता है।" वहीं पूर्व विधायक वीरेश यादव ने बताया कि "कार्यक्रम बड़ा था, मंच पर अधिक लोगों के चढ़ने से धक्का-मुक्की हो गई थी।" जिला महासचिव मनोज यादव ने कहा, "मुख्य अतिथि के आगमन के समय कुछ लोग मंच पर चढ़ने लगे, जिसे लेकर टकराव हुआ। जल्द ही सबको शांत कर लिया गया।" जिला अध्यक्ष लक्ष्मी धनगर ने दावा किया कि "कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा। कुछ क्षणिक अफरा-तफरी के बावजूद सलीम शेरवानी ने कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया।"

हालांकि, आयोजन का मकसद संविधान की मर्यादा और लोकतांत्रिक मूल्यों को स्थापित करना था, लेकिन जिस तरह से मंच पर ही अनुशासन टूटता दिखा, उसने पार्टी नेतृत्व के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आगामी चुनावों को देखते हुए सपा की आंतरिक एकजुटता और अनुशासन की यह झलक पार्टी के लिए चिंताजनक संकेत हो सकती है।

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