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मां सावित्री विला में शिव रुद्राभिषेक, हर-हर महादेव से गूंजा क्षेत्र

मां सावित्री विला में शिव रुद्राभिषेक, हर-हर महादेव से गूंजा क्षेत्र

रामनगर वाराणसी के मां सावित्री विला में सावन सोमवार पर शिव रुद्राभिषेक का दिव्य आयोजन हुआ, वातावरण हर-हर महादेव से गूंज उठा।

वाराणसी: सावन के पावन सोमवार की संध्या पर रामनगर स्थित मां सावित्री विला में शिव आराधना का एक भव्य और अत्यंत भावपूर्ण आयोजन किया गया, जिसमें देवों के देव महादेव का रुद्राभिषेक पूरी विधिविधान और वैदिक रीति से संपन्न हुआ। इस दिव्य आयोजन का नेतृत्व पूजा श्रीवास्तव, पत्नी संदीप श्रीवास्तव (सह-संपादक, न्यूज़ रिपोर्ट) ने अपने परिवार के सहयोग से किया, जिन्होंने अपने निवास पर पूरे श्रद्धा भाव के साथ इस धार्मिक अनुष्ठान को संपन्न कराया।

विशेष बात यह रही कि रुद्राभिषेक का यह आयोजन पंडित जितेंद्र नाथ तिवारी के आचार्यत्व में सम्पन्न हुआ, जिन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घृत, शहद और पंचामृत से अभिषेक कर भगवान शिव की पूजा अर्चना करवाई। शिवलिंग पर बेलपत्र, पुष्प, भस्म और धतूरा अर्पित किए गए, जिससे वातावरण अत्यंत पवित्र और अलौकिक बन गया।

इस आध्यात्मिक अवसर पर परिवार के पिताश्री सच्चिदानंद श्रीवास्तव की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को और भी पुण्यदायी बना दिया। उनके सान्निध्य में समूचा पूजन क्रम अत्यंत अनुशासन और श्रद्धा से सम्पन्न हुआ, जिसमें हर आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से भाग लिया।

कार्यक्रम में मां कंचन, आरती, विकास, पवन, आकाश, गोपाल सेठ सहित दर्जनों श्रद्धालु शामिल हुए। शीतला मंदिर, अदलपुरा के पूज्य महंत नारायण जी भी अपनी धर्मपत्नी कुसुम जी के साथ विशेष रूप से उपस्थित हुए, जिनकी उपस्थिति से आयोजन में आध्यात्मिक ऊर्जा और भी प्रखर हो उठी।

पूरे माहौल में जब “ॐ नमः शिवाय” और “हर हर महादेव” के गगनभेदी उद्घोष गूंजे, तो उपस्थित श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर हो उठे। वातावरण में शंख, घंटियों और भजन की स्वर लहरियों के साथ श्रद्धा, प्रेम और शिव भक्ति की निर्झरिणी बह निकली।

रुद्राभिषेक के उपरांत भजन-कीर्तन और महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें दीपों की रौशनी और भक्तों के समवेत स्वर ने माहौल को अद्भुत रूप दे दिया। पूजा के उपरांत सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप पंचामृत, फल और मिठाइयाँ वितरित की गईं।

आयोजन का उद्देश्य केवल पारिवारिक धार्मिक अनुष्ठान न होकर, पूरे समुदाय को भक्ति के सूत्र में बाँधने का था। आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के आयोजन सनातन परंपराओं को जीवंत रखने के साथ-साथ समाज में अध्यात्मिक सद्भावना और सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ावा देते हैं।

यह शिव पूजन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि शिव की कृपा पाने के लिए श्रद्धालुओं की एक सामूहिक पुकार थी, जो सावन की संध्या में भगवान शिव तक पहुँचती प्रतीत हुई। उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने इसे जीवन की अविस्मरणीय स्मृति बताया और भविष्य में भी इस तरह के आयोजन में भाग लेने की अभिलाषा जताई।

इस पावन आयोजन ने सावन मास की शिव भक्ति को नई ऊँचाई दी और रामनगर की धार्मिक परंपरा में एक और गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ दिया।

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