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सोनभद्र: आसमानी बिजली का कहर, दो की मौत, चार झुलसे, मची चीख-पुकार

सोनभद्र: आसमानी बिजली का कहर, दो की मौत, चार झुलसे, मची चीख-पुकार

सोनभद्र में सोमवार को बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि चार गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें विंढमगंज में एक वृद्ध और कोन में बाजार से लौट रही एक महिला शामिल है।

सोनभद्र: सोमवार की दोपहर से लेकर शाम तक आसमान से गिरी बिजली ने जिले के विभिन्न हिस्सों में तबाही मचा दी। जहां एक ओर दो परिवारों की दुनिया उजड़ गई, वहीं चार अन्य लोग, जिनमें तीन पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।ज़िंदगी और मौत की लड़ाई लड़ते हुए अस्पताल में भर्ती हैं। यह एक ऐसी त्रासदी थी, जिसने केवल जीवन नहीं छीने, बल्कि एक स्थायी आघात भी दे दिया, जिसकी गूंज अब गांवों की गलियों से लेकर थानों तक महसूस हो रही है।

विंढमगंज थाना क्षेत्र के धूमा गांव के वृद्ध ईश्वर गोंड (65) अपने ही आंगन के सामने एक आम के पेड़ के नीचे सादगी से बैठे थे। न तो उन्हें कोई आभास था, न ही आसमान में छिपे उस विध्वंसक पल का संकेत। अचानक बादलों की डरावनी गड़गड़ाहट और बिजली की तीव्र चमक के साथ जब वह कहर टूटा, तो ईश्वर गोंड वहीं जीवन की अंतिम सांस ले चुके थे। उसी गांव की मीना देवी (32) भी उसी समय बिजली की चपेट में आईं और गंभीर रूप से झुलस गईं। उन्हें तत्क्षण पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति अभी भी नाज़ुक बनी हुई है।

उधर, कोन थाना क्षेत्र के निगाई गांव में एक और दर्दनाक हादसे ने एक मां को सदा के लिए खामोश कर दिया। फुलवंती (42), जो बाजार से ज़रूरत का सामान लेकर लौट रही थीं, अचानक शुरू हुई बारिश से बचने के लिए मंगेश्वर बाबा मंदिर के पास एक पेड़ के नीचे रुक गईं। लेकिन नियति ने उनके लिए कुछ और ही लिखा था। तेज़ बिजली गिरने से वहीं पर उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हृदयविदारक दृश्य ने गांव को स्तब्ध कर दिया। परिजनों की चीखें और आंखों से बहते आंसू उस मौन दर्द की गवाही बन गए, जिसे शब्दों में बयान करना असंभव है। जैसे ही ग्रामीणों को घटना की जानकारी हुई, उन्होंने स्थानीय लेखपाल और थाना पुलिस को सूचित किया।

लेकिन इस प्राकृतिक प्रकोप का असर सिर्फ ग्रामीण इलाकों तक सीमित नहीं रहा। रायपुर थाने में हुई घटना ने सिस्टम की तैयारी पर भी सवाल खड़े कर दिए। शाम लगभग पांच बजे बिजली ने थाना परिसर में स्थापित वायरलेस टावर को अपना निशाना बना लिया। टावर पर बिजली गिरते ही करंट पूरे कंप्यूटर सिस्टम और वायरिंग में फैल गया। उसकी चपेट में आकर मुख्य आरक्षी राजीव कुमार, आरक्षी संदीप यादव और अखिलेश बुरी तरह झुलस गए। आनन-फानन में सभी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र वैनी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।

थाना प्रभारी रामदरश राम ने बताया कि घटना बेहद असहज और अप्रत्याशित थी। “हमारी पूरी कोशिश रही कि घायलों को जल्द से जल्द इलाज मुहैया कराया जाए। फिलहाल तीनों पुलिसकर्मी चिकित्सकीय निगरानी में हैं और धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं।”

वहीं, रायपुर थाने का वायरलेस सेट पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया, जिससे संचार व्यवस्था पर भी असर पड़ा। यह एक चेतावनी की तरह है कि किस प्रकार हम तकनीकी युग में भी प्राकृतिक आपदाओं के सामने असहाय हैं।

सोनभद्र जिले की इस त्रासदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रकृति जब प्रचंड रूप लेती है, तो न मानवीय समझ काम आती है, न ही तकनीकी इंतज़ाम। यह केवल एक समाचार नहीं, बल्कि उन परिवारों की असहनीय पीड़ा है, जिनका एक चिराग बुझ गया। आसमान से गिरी इस बिजली ने न सिर्फ ज़िंदगियां छीनीं, बल्कि कई परिवारों को स्थायी शोक और खामोशी की विरासत सौंप दी।

सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि ऐसे हादसों से सबक लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में मौसम संबंधित चेतावनी प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाया जाए। गांव-गांव तक जागरूकता फैलाना और आपदा से बचाव के उपाय सुनिश्चित करना अब महज़ विकल्प नहीं, एक अत्यावश्यक ज़िम्मेदारी बन चुकी है।

सोनभद्र की यह घटना केवल बिजली गिरने का आंकड़ा नहीं, बल्कि उस सच्चाई का आईना है, जो दिखाता है कि कैसे एक क्षणिक प्राकृतिक घटना जीवन की पूरी कहानी बदल देती है।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Mon, 16 Jun 2025 08:57 PM (IST)
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Tags: sonbhadra news lightning strike uttar pradesh news

Category: accident uttar pradesh

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