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यूपी के 18 जिलों में बारिश का अलर्ट, तूफान का असर घटने की उम्मीद

यूपी के 18 जिलों में बारिश का अलर्ट, तूफान का असर घटने की उम्मीद

उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में बेमौसम बारिश का अलर्ट जारी, फसलों को भारी नुकसान, जनजीवन प्रभावित, अगले तीन दिन धूप का अनुमान है

उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। राज्य के 18 जिलों में आज फिर बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वांचल के कई हिस्सों में सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं और 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। लगातार बारिश के कारण हजारों एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार, आज से प्रदेश में तूफान मोन्था का असर धीरे-धीरे कम होना शुरू होगा। विभाग ने बताया कि आने वाले तीन दिनों में धूप खिलने की संभावना है, जिससे दिन के तापमान में 5 से 7 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, फिलहाल ठंडक बनी हुई है और कई जिलों में तापमान सामान्य से काफी नीचे दर्ज किया गया है।

शुक्रवार को वाराणसी, बलिया, मऊ, झांसी, बाराबंकी समेत करीब 20 शहरों में बारिश दर्ज की गई। झांसी में फसल खराब होने से एक किसान की मौत हो गई, जबकि कौशांबी में लगभग 1000 क्विंटल धान भीग गया। बाराबंकी में प्रदेश का सबसे कम न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, जालौन में तापमान में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई जहां पारा 32 डिग्री से घटकर 22 डिग्री पर पहुंच गया। मिर्जापुर में तापमान में 9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जबकि गोरखपुर और लखनऊ मंडल में 4 डिग्री तथा कानपुर मंडल में 2 डिग्री की गिरावट रही।

धान की फसल पर इस बारिश का सीधा असर पड़ा है। कई जिलों में कटाई के लिए तैयार धान की फसलें गिर गईं, जबकि कुछ जगहों पर कटकर सूखने के लिए रखी गई फसलें भीग गई हैं। इससे धान के दानों के खराब होने और फफूंद लगने की संभावना बढ़ गई है। किसानों की चिंता इस बात को लेकर भी बढ़ गई है कि उनकी मेहनत की कमाई अब पानी में बह गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रभावित इलाकों में सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाए। वहीं, कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बारिश से जहां खरीफ फसलें प्रभावित हुई हैं, वहीं रबी फसलों की बुआई के लिए यह मौसम अनुकूल हो गया है। गेहूं, चना, मसूर, मटर और सरसों की बुआई के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी आ चुकी है, जिससे बिना सिंचाई के बुआई करना आसान होगा और अंकुरण भी बेहतर होगा।

कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम ने अप्रत्याशित रूप से करवट ली है। एक ओर किसान बेमौसम बारिश से फसल बर्बादी पर दुखी हैं, तो दूसरी ओर आने वाले दिनों में बेहतर मौसम की उम्मीद से थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं।

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