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लखनऊ: यूपी में 10 डॉक्टरों समेत डाटा एंट्री ऑपरेटर बर्खास्त, डिप्टी सीएम ने दिए आदेश

लखनऊ: यूपी में 10 डॉक्टरों समेत डाटा एंट्री ऑपरेटर बर्खास्त, डिप्टी सीएम ने दिए आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बरतने और गैरहाजिर रहने वाले 10 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है, जिनमें लखनऊ के 4 डॉक्टर भी शामिल हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और मरीजों को समय पर इलाज सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। लंबे समय से गैरहाजिर और अनुशासनहीन चल रहे चिकित्सकों पर अब गाज गिर चुकी है। डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेशभर में चल रहे निरीक्षण और जांच रिपोर्टों के आधार पर 10 डॉक्टरों की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें राजधानी लखनऊ के चार डॉक्टर और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर भी शामिल हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई चिकित्सक अपने पदस्थापित अस्पतालों में नियमित रूप से उपस्थित नहीं हो रहे हैं। कई डॉक्टर महीनों से ड्यूटी से नदारद थे, जबकि कुछ चिकित्सकों पर अनुशासनहीन आचरण के आरोप भी लगे थे। इन शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने जांच कराई और रिपोर्ट सामने आने के बाद कठोर कदम उठाए गए।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का पहला लक्ष्य आम जनता को बेहतर और समयबद्ध चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। ऐसे में जो लोग अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाह पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।

सूत्रों के मुताबिक, जिन डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया है, उनमें कई ऐसे नाम शामिल हैं जो महीनों से अस्पताल में दिखाई ही नहीं दिए। लखनऊ के चार डॉक्टर लंबे समय से गैरहाजिर पाए गए थे, जबकि एक डाटा एंट्री ऑपरेटर भी बिना सूचना के अनुपस्थित रहने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई का शिकार हुआ।

सरकार का यह कदम प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को अनुशासन में लाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों से लगातार ऐसी शिकायतें सामने आती रही हैं कि वहां तैनात डॉक्टर समय पर अस्पताल नहीं पहुंचते, जिससे मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। इस कार्रवाई से अन्य चिकित्सकों को भी स्पष्ट संदेश गया है कि लापरवाही करने पर अब सख्त परिणाम भुगतने होंगे।

स्वास्थ्य विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में और भी ऐसे डॉक्टरों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है, जो अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। डिप्टी सीएम ने अफसरों को निर्देश दिया है कि सभी अस्पतालों की नियमित निगरानी की जाए और जहां भी लापरवाही दिखे, तुरंत रिपोर्ट भेजी जाए ताकि समय पर कठोर कदम उठाए जा सकें।

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