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वाराणसी में QR कोड और पोर्टल से दर्ज होंगे सुझाव, तय होगा शहर का भविष्य

वाराणसी में QR कोड और पोर्टल से दर्ज होंगे सुझाव, तय होगा शहर का भविष्य

उत्तर प्रदेश सरकार ने 2047 तक राज्य को विकसित बनाने हेतु 'समर्थ उत्तर प्रदेश' अभियान चलाया है, जिसमें नागरिक QR कोड और पोर्टल के माध्यम से सुझाव दे सकेंगे।

वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को वर्ष 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने के लिए समर्थ उत्तर प्रदेश – विकसित उत्तर प्रदेश @2047 महाअभियान की शुरुआत की है। इस महत्वाकांक्षी पहल में अब काशी की जनता भी सक्रिय रूप से भाग ले सकेगी। अभियान के तहत हर नागरिक को यह अवसर दिया जा रहा है कि वह अपने सुझाव सीधे सरकार तक पहुंचाए और अगले बाइस वर्षों में राज्य और वाराणसी के भविष्य को आकार देने में अपनी भूमिका निभाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से इस अभियान में बढ़ चढ़कर शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को विकसित बनाने के लिए केवल सरकारी प्रयास ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि जनता की राय और अनुभव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इसी सोच के तहत आम नागरिकों को सुझाव देने का अवसर दिया जा रहा है।

अभियान को सफल बनाने के लिए वाराणसी समेत पूरे प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों, शैक्षणिक संस्थानों और विभिन्न सरकारी दफ्तरों में क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। इन क्यूआर कोड को स्कैन कर लोग सीधे पोर्टल पर अपने विचार दर्ज कर सकते हैं। इसके साथ ही एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल https://samarthuttarpradesh.up.gov.in
भी तैयार किया गया है जहां नागरिक शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, व्यापार, रोजगार, स्वच्छता और बुनियादी ढांचे जैसे विषयों पर अपने सुझाव दर्ज कर सकते हैं।

इस पहल का उद्देश्य केवल प्रदेश को समग्र रूप से विकसित करना ही नहीं है, बल्कि वाराणसी जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व वाले शहर को भी आधुनिकता और वैश्विक मानकों से जोड़ना है। सरकार चाहती है कि 2047 तक बनारस का स्वरूप ऐसा बने जो परंपरा और आधुनिकता का संतुलन साधते हुए शहर को स्मार्ट, स्वच्छ और समृद्ध बनाए। जनता से मिले सुझावों के आधार पर नीतियों और योजनाओं को नई दिशा दी जाएगी।

योजना के अनुसार जो सुझाव सबसे उपयोगी और सार्थक पाए जाएंगे उनका चयन विषय विशेषज्ञों और नीति आयोग द्वारा किया जाएगा। जनपद और प्रदेश स्तर पर चयनित सुझाव देने वालों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य जनता को नीति निर्माण की प्रक्रिया का सक्रिय हिस्सा बनाना है ताकि विकास की राह पर समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

वाराणसी के मंडलायुक्त एस राजलिंगम, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने भी जनता से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस अभियान में शामिल हों। अधिकारियों ने कहा कि यह केवल प्रशासनिक कवायद नहीं बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है। हर नागरिक अधिकतम तीन सुझाव दर्ज कर सकता है। उनका मानना है कि यदि वाराणसी की जनता खुलकर अपने विचार साझा करेगी तो शहर को स्मार्ट और वैश्विक पहचान दिलाने का सपना साकार किया जा सकेगा।

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