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वाराणसी: एसटीएफ ने अंतरराज्यीय असलहा गिरोह का किया पर्दाफाश, तीन तस्कर 10 पिस्टल के साथ गिरफ्तार

वाराणसी: एसटीएफ ने अंतरराज्यीय असलहा गिरोह का किया पर्दाफाश, तीन तस्कर 10 पिस्टल के साथ गिरफ्तार

एसटीएफ ने वाराणसी में अंतरराज्यीय असलहा तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर 10 पिस्टल व 15 मैगजीन बरामद कीं।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मंगलवार को वाराणसी के सारनाथ थाना क्षेत्र स्थित फरीदपुर रिंग रोड अंडरपास के पास से अंतरराज्यीय असलहा तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को दबोच लिया। कार्रवाई के दौरान उनके कब्जे से 10 पिस्टल और 15 मैगजीन बरामद की गईं। जब्त की गई पिस्टलें .32 बोर की बताई जा रही हैं।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के कुंडेसर चंदनी निवासी प्रशांत राय उर्फ जीतू, बिहार के बक्सर जिले के सेमरी थाना क्षेत्र के गंगौली निवासी राहुल ठाकुर और गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र के हुत्सेपुर कोठियां निवासी मुकुंद प्रधान के रूप में हुई है। तीनों लंबे समय से सक्रिय होकर प्रदेश और सीमावर्ती क्षेत्रों में असलहा की सप्लाई कर रहे थे।

एसटीएफ फील्ड इकाई के निरीक्षक पुनीत परिहार ने बताया कि गिरोह का मुख्य सरगना प्रशांत राय पहले से ही आपराधिक प्रवृत्ति का है। वह अपने साथियों के साथ आए दिन मारपीट और दबंगई की घटनाओं में शामिल रहता था। इसी दौरान उसका संपर्क गांव के ही मलीकपुरा निवासी कुख्यात असलहा तस्कर सुभाष पासी से हुआ। यहीं से उसकी तस्करी की राह खुली।

सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत ने सुभाष पासी से पहली बार .32 बोर की पिस्टल खरीदी थी। इसके बाद उसके दोस्त अखंड राय, निवासी करीमुद्दीनपुर, ने उससे कारतूस की व्यवस्था करने की मांग की। प्रशांत ने सुभाष से 20 कारतूस दिलवाए। इसी कड़ी में अखंड और उसके साथियों के जरिए प्रशांत की पहचान मध्य प्रदेश के खंडया क्षेत्र के कुख्यात असलहा तस्कर विष्णु सरदार से हुई।

एसटीएफ टीम के अनुसार, प्रशांत राय लंबे समय से विष्णु सरदार से असलहा खरीदता था। वह एक पिस्टल 20 से 25 हजार रुपये में लेकर गाजीपुर, वाराणसी और आसपास के जनपदों के साथ ही बिहार के सीमावर्ती जिलों में 40 से 50 हजार रुपये में बेचता था। इस अवैध कारोबार में वह राहुल ठाकुर और मुकुंद प्रधान को सप्लाई चैन के रूप में इस्तेमाल करता था। प्रत्येक खेप पर दोनों साथियों को 4 से 5 हजार रुपये दिया जाता था। अब तक वह कई बार हथियार मंगवाकर स्थानीय तस्करों को सौंप चुका है।

एसटीएफ अधिकारियों का मानना है कि इस गिरोह की गिरफ्तारी से प्रदेश और बिहार की सीमा पर सक्रिय असलहा तस्करी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। बरामद हथियारों की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी ताकि इनके इस्तेमाल और स्रोत का पता चल सके। वहीं, एसटीएफ टीम फरार तस्कर सुभाष पासी और मध्य प्रदेश के कुख्यात विष्णु सरदार की तलाश में भी जुट गई है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसी भी कीमत पर प्रदेश में अवैध हथियारों का कारोबार नहीं पनपने दिया जाएगा और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की धरपकड़ के लिए अभियान तेज कर दिया गया है।

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