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यूपी में इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी नीति में बदलाव, प्रदेश में बने ईवी पर ही मिलेगा लाभ

यूपी में इलेक्ट्रिक वाहन सब्सिडी नीति में बदलाव, प्रदेश में बने ईवी पर ही मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार आगामी अक्टूबर से केवल राज्य में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी देगी, जिससे स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की खरीद पर दी जा रही सब्सिडी व्यवस्था में अब बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि आगामी अक्तूबर से केवल उन्हीं इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी दी जाएगी, जिनका निर्माण प्रदेश के भीतर किया गया हो। इस संबंध में परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है और अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह बदलाव 14 अक्तूबर से लागू किया जा सकता है। गौरतलब है कि वर्ष 2022 में इसी तारीख से प्रदेश में ईवी नीति लागू की गई थी, जिसके तीन वर्ष पूरे हो रहे हैं। मौजूदा व्यवस्था के तहत अब तक देश में कहीं भी निर्मित इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर यूपी में सब्सिडी दी जाती रही है। नई नीति लागू होने के बाद प्रदेश में ईवी निर्माण को बढ़ावा मिलेगा, जिससे न केवल रोजगार के अवसर सृजित होंगे बल्कि बड़े उद्योग भी अपनी यूनिटें लगाने के लिए आकर्षित होंगे।

अधिकारियों का मानना है कि यह निर्णय प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। यदि कंपनियां अपने उत्पादन केंद्र यहां स्थापित करती हैं तो स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में नौकरियां उत्पन्न होंगी। इसके अलावा वाहन बिक्री बढ़ने से कर संग्रह और राजस्व में भी वृद्धि होगी, जो प्रदेश की आर्थिक मजबूती के लिए अहम है।

2022 में लागू की गई ईवी पॉलिसी के तहत अब तक 17,665 वाहन मालिकों को सब्सिडी का लाभ मिल चुका है। परिवहन विभाग के अनुसार, लगभग 60 करोड़ रुपये बतौर सब्सिडी वितरित किए गए हैं। केवल इस वर्ष अप्रैल से अब तक 40 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है। वहीं, अभी भी 38,285 आवेदन लंबित हैं, जिन्हें प्रक्रिया पूरी होने पर लाभ मिलेगा।

सब्सिडी की दरें, 5,000 रुपये प्रति दोपहिया ईवी, 1 लाख रुपये प्रति चारपहिया ईवी, 20 लाख रुपये प्रति इलेक्ट्रिक बस, 1 लाख रुपये प्रति ई-गुड्स कैरियर।
नीति के तहत खरीदारों को टैक्स और पंजीकरण शुल्क में भी छूट दी गई। जिन लोगों ने पहले यह शुल्क अदा कर दिया था, उन्हें रिफंड भी प्रदान किया गया।

परिवहन आयुक्त बी.एन. सिंह ने बताया कि अक्टूबर 2022 में लागू हुई ईवी पॉलिसी ने प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को काफी प्रोत्साहित किया है। अब तीन वर्ष पूरे होने पर नई व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, अक्टूबर से संभव है कि केवल उत्तर प्रदेश में बनने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों को ही सब्सिडी मिले। इससे उद्योगों को यहां यूनिट लगाने की दिशा में मजबूती मिलेगी।

जब हमारी टीम ने इस मामले में विशेषज्ञों से बात को तो उनका कहना है कि इस कदम से उत्तर प्रदेश देश का एक बड़ा ईवी निर्माण हब बन सकता है। आने वाले वर्षों में यहां हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे और प्रदेश की साख निवेश के नए केंद्र के रूप में और मजबूत होगी।

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