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उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य हर महिला को लखपति दीदी बनाना, योजनाओं पर जोर

उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य हर महिला को लखपति दीदी बनाना, योजनाओं पर जोर

उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की दिशा में काम कर रही है, स्वयं सहायता समूहों को कैंटीन व राशन दुकानों पर प्राथमिकता मिलेगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की हर महिला को ‘लखपति दीदी’ बनाया जाए। इसी दिशा में आयोजित लखपति महिला कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में विभागीय तालमेल और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया गया। सरकार चाहती है कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अपनी मेहनत, कौशल और उद्यमिता से सालाना एक लाख रुपये या उससे अधिक की आय अर्जित कर सकें।

बैठक में तय किया गया कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को विभिन्न सरकारी परिसरों जैसे अस्पतालों, पर्यटन स्थलों, पुलिस लाइन, आईटीआई, पॉलीटेक्निक, चीनी मिलों और बस अड्डों में प्रेरणा कैंटीन संचालित करने के लिए जगह उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही राशन की दुकानों पर भी इन समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उनके उत्पादों की बिक्री और पहचान दोनों बढ़ सकें।

मुख्य सचिव एसपी गोयल ने बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे अपनी योजनाओं में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि ऐसे समूहों की पहचान की जाए जो लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि उन्हें प्रोत्साहन और सहयोग मिल सके। इसके अलावा, महिलाओं की आमदनी में निरंतर वृद्धि के लिए उनके उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग की ठोस रणनीति बनाने पर भी जोर दिया गया।

निर्णय लिया गया कि उद्यान और खाद्य प्रसंस्करण विभाग सौर ऊर्जा संचालित फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स जैसे सोलर आटा चक्की, मसाला ग्राइंडर, ड्रायर और डीप फ्रीजर वितरित करेगा। इन इकाइयों से न केवल रोजगार बढ़ेगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादों की गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में भी सुधार आएगा। साथ ही प्रदेश के सभी हवाई अड्डों पर स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों के बिक्री केंद्र खोले जाएंगे, जिससे महिलाओं को एक नया बाजार मिलेगा।

टीबी मरीजों को एसएचजी समूहों द्वारा तैयार पोषण पोटली प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ स्थानीय समूहों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। पंचायती राज विभाग को निर्देश दिए गए कि ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाइट की स्थापना और रखरखाव में सूर्य सखियों को प्राथमिकता दी जाए, वहीं यूपीनेडा को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत महिला किसानों को अनुदान पर सौर पंप वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में यह भी तय हुआ कि स्कूल ड्रेस की सिलाई, मिड-डे मील में उपयोग होने वाले मसाले और खाद्य तेल की आपूर्ति भी स्वयं सहायता समूहों से कराई जाएगी, ताकि महिलाओं को स्थायी रोजगार के अवसर मिल सकें। मिशन निदेशक यूपीएसआरएलएम दीपा रंजन ने बताया कि प्रदेश में अब तक 35.94 लाख महिलाओं का चिन्हांकन हुआ है, जिनमें से 29.68 लाख की आय का विवरण डिजिटल आजीविका रजिस्टर में दर्ज किया गया है। इनमें से 18.55 लाख महिलाएं अब तक ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि नमो ड्रोन दीदी परियोजना के तहत वर्ष 2024-25 में 114 महिलाएं ड्रोन दीदी के रूप में प्रशिक्षित की जा चुकी हैं, जबकि वर्ष 2025-26 में 2283 महिलाओं को इस क्षेत्र में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 493 महिलाओं का चयन पूरा हो चुका है। इसके अलावा 20 लाख एसएचजी सदस्य पशुपालन से जुड़ी हुई हैं, 41 मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए हैं, और 7044 सदस्यों को 18.68 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है।

वर्तमान में वाराणसी और अयोध्या हवाई अड्डों पर समूह उत्पादों की बिक्री जारी है, जबकि 2000 प्रस्तावित प्रेरणा कैंटीनों में से 845 सीएचसी और पीएचसी पर पहले से संचालित हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण एल. वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव सहकारिता सौरभ बाबू सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सरकार का मानना है कि यदि इस कार्यक्रम को सही दिशा में आगे बढ़ाया गया तो जल्द ही यूपी की हर महिला अपने आत्मविश्वास, परिश्रम और नवाचार से ‘लखपति दीदी’ बनकर राज्य की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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