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वाराणसी: अब नहीं मिलेगी भीख, प्रशासन और आश्रम मिलकर करेंगे पुनर्वास

वाराणसी: अब नहीं मिलेगी भीख, प्रशासन और आश्रम मिलकर करेंगे पुनर्वास

वाराणसी में भीख मांगने की बढ़ती समस्या पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम और अपना घर आश्रम ने मिलकर पुनर्वास अभियान चलाया है।

वाराणसी: सांस्कृतिक और धार्मिक नगरी वाराणसी की सड़कों पर फैली भीख मांगने की समस्या पर अब प्रशासनिक और सामाजिक संस्थाएं मिलकर सख्त कदम उठाने जा रही हैं। नगर निगम वाराणसी और सामाजिक संस्था अपना घर आश्रम अब संयुक्त रूप से एक व्यापक अभियान चलाएंगे, जिसके तहत सड़कों पर भीख मांग रहे व्यक्तियों के पुनर्वास, नशामुक्ति और सामाजिक मुख्यधारा में पुनः सम्मिलन की व्यवस्था की जाएगी।

इस अभियान के तहत सबसे पहले स्कूली बच्चों, शिक्षकों और शिक्षण स्टाफ को जागरूक किया जाएगा। शहर के सभी प्रमुख सरकारी और निजी विद्यालयों में विशेष शपथ कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे, जिसमें उन्हें यह संकल्प दिलाया जाएगा कि वे किसी भी भिखारी को भीख नहीं देंगे। अभियान का उद्देश्य यह संदेश समाज में फैलाना है कि भीख देने से समस्या का समाधान नहीं होता, बल्कि यह इसे और गहरा करता है।

"भीख देने के बजाय पुनर्वास की राह दिखाएं"
अपना घर आश्रम के संचालक डॉ. के. निरंजन ने जानकारी दी कि संस्था पहले से ही ऐसे लावारिस, मानसिक रूप से अस्वस्थ, नशे में लिप्त या बेघर लोगों के पुनर्वास का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि भीख मांगने वाले बच्चों की एक बड़ी संख्या नशे की गिरफ्त में है और उनका इस दलदल से निकल पाना बेहद कठिन होता है, जब तक समाज उन्हें सही दिशा न दे।

डॉ. निरंजन ने यह भी बताया कि यदि सड़क पर कोई व्यक्ति लावारिस अवस्था में दिखाई दे, तो आम नागरिक अपना घर आश्रम के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 7521060001 पर तुरंत संपर्क कर सकते हैं। संस्था की विशेष टीम मौके पर जाकर ऐसे लोगों को रेस्क्यू कर उन्हें इलाज, आश्रय और पुनर्वास की प्रक्रिया में शामिल करेगी।

नगर निगम देगा अभियान को प्रशासनिक बल
नगर निगम वाराणसी इस अभियान में पूर्ण रूप से सहयोग करेगा। नगर आयुक्त के निर्देश पर संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया है कि सड़क किनारे भीख मांगने वाले व्यक्तियों की सूची तैयार की जाए और आश्रम के साथ मिलकर उन्हें चिन्हित किया जाए। इसके लिए शहर को कई सेक्टरों में बांटा जाएगा, जहां नगर निगम और 'अपना घर आश्रम' की संयुक्त टीमें सर्वे और रेस्क्यू अभियान चलाएंगी।

नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति सड़कों पर बेसहारा न भटके और उन्हें एक गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर मिले।

स्कूलों से सामाजिक बदलाव की शुरुआत
इस पहल की सबसे खास बात यह है कि इसमें स्कूली बच्चों को एक सकारात्मक भूमिका में शामिल किया जा रहा है। शिक्षक और शिक्षिकाएं इस अभियान में ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभाएंगे, जो बच्चों को सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी भी सिखाएंगे। शपथ समारोह के साथ-साथ जागरूकता कार्यशालाएं, पोस्टर प्रदर्शनी, नुक्कड़ नाटक और इंटरएक्टिव सत्र भी स्कूलों में आयोजित किए जाएंगे।

सामाजिक भागीदारी की अपील
इस पूरे अभियान की सफलता सिर्फ प्रशासन और संस्था की मेहनत से नहीं, बल्कि आम नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से संभव होगी। नगर निगम और 'अपना घर आश्रम' ने शहरवासियों से अपील की है कि वे भीख न देकर जिम्मेदार नागरिक का परिचय दें और जरूरतमंदों के पुनर्वास में सहयोग करें।

वाराणसी, जो आध्यात्मिक चेतना की नगरी है, अब सामाजिक जिम्मेदारी और करुणा की मिसाल बनकर सामने आने को तैयार है। इस पहल से सिर्फ शहर की छवि ही नहीं निखरेगी, बल्कि कई जीवन भी एक नई दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।

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