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वाराणसी: दालमंडी में चौड़ीकरण योजना के तहत ध्वस्तीकरण कार्रवाई, दुकानदारों ने किया विरोध

वाराणसी: दालमंडी में चौड़ीकरण योजना के तहत ध्वस्तीकरण कार्रवाई, दुकानदारों ने किया विरोध

वाराणसी की दालमंडी में चौड़ीकरण योजना के तहत तीन मकान ध्वस्त किए गए, जिसका दुकानदारों व किरायेदारों ने विरोध किया।

वाराणसी के ऐतिहासिक बाजार दालमंडी में रविवार को चौड़ीकरण योजना के तहत प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी। इस दौरान क्षेत्र के कई दुकानदारों और किरायेदारों ने विरोध जताया, लेकिन पुलिस और पीडब्ल्यूडी की संयुक्त टीम ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए तीन मकानों को ध्वस्त कर दिया। प्रशासन का कहना है कि यह कदम क्षेत्र की तंग गलियों में बेहतर कनेक्टिविटी और यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए आवश्यक है, जबकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना पर्याप्त सूचना और मुआवजे के कार्रवाई की जा रही है।

सुबह से ही दालमंडी इलाके में प्रशासनिक हलचल तेज रही। फोर्स की मौजूदगी में पीडब्ल्यूडी टीम ने लक्ष्मी कटरा नामक भवन पर लाल निशान लगाया। यह भवन पांच मालिकों सुमन ओझा, पीयूष ओझा, कंचन देवी, गूंजा मिश्रा और सोनी सिंह के नाम पर था, जिन्होंने कुछ दिन पहले ही अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री पीडब्ल्यूडी को सौंपी थी। इस भवन में करीब 13 दुकानदार किराये पर व्यापार करते थे। जैसे ही ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई, किरायेदार विरोध में उतर आए और चौक थाने जाकर आपत्ति दर्ज कराई।

किरायेदारों का कहना था कि उन्हें न तो पूर्व सूचना दी गई और न ही सामान निकालने का समय मिला। एक दुकानदार ने बताया कि उनकी दुकान 1960 से चल रही थी और उन्होंने अधिकारियों से एक दिन की मोहलत मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं दी गई। उनका कहना है कि वे चौड़ीकरण योजना के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन बिना किसी मुआवजे या वैकल्पिक व्यवस्था के अचानक की गई कार्रवाई अनुचित है।

भवन स्वामी सुमन ओझा ने बताया कि भवन के पांच हिस्सेदार हैं और लगभग एक करोड़ रुपये का मुआवजा तय किया गया है, जो हिस्से के अनुसार वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद प्रशासन से अनुरोध किया था कि किरायेदारों को थोड़ा समय दिया जाए ताकि वे अपना सामान सुरक्षित निकाल सकें।

शाम तक फोर्स की निगरानी में मजदूरों ने हथौड़ों से भवन तोड़ना शुरू किया और लक्ष्मी कटरा स्थित फैंसी मार्केट के दुकानदारों को खाली कराया गया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी ने स्थल पर ताला लगाकर कब्जा लिया। अब तक तीन मकान पूरी तरह से ध्वस्त किए जा चुके हैं और कुल 13 काश्तकारों की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

जॉइंट मजिस्ट्रेट नितिन सिंह ने बताया कि दालमंडी चौड़ीकरण योजना शहर के पुराने हिस्सों में यातायात सुधार की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण परियोजना है। उन्होंने कहा कि कुछ भवन स्वामियों को जमीन और निर्माण दोनों का मुआवजा दिया गया है और दुकानदारों को पर्याप्त समय देने के प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दो सप्ताह से क्षेत्र में लगातार दिन में दो से तीन बार उद्घोषणा की जा रही है ताकि प्रभावित लोग तैयारी कर सकें। चौक थाने में नियमित कैंप कार्यालय संचालित है जहां मुआवजा और अन्य समस्याओं से संबंधित शिकायतें सुनी जा रही हैं।

प्रशासन का कहना है कि चौड़ीकरण कार्य से तंग गलियों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी और आपात स्थिति में आवागमन आसान होगा। हालांकि स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि इस प्रक्रिया को और मानवीय तरीके से लागू किया जाना चाहिए ताकि वर्षों से व्यापार कर रहे लोगों को नुकसान से बचाया जा सके।

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