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वाराणसी: तहसील सदर में अधिवक्ताओं पर हमले, भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

वाराणसी: तहसील सदर में अधिवक्ताओं पर हमले, भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

वाराणसी में अधिवक्ताओं ने तहसील सदर में हुए हमले और व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया, प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया।

वाराणसी: सोमवार को तहसील सदर परिसर में अधिवक्ताओं पर हुए हमले और वहां व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अधिवक्ता समाज का आक्रोश फूट पड़ा। सुबह से ही बड़ी संख्या में अधिवक्ता कचहरी परिसर में एकजुट हुए और नारेबाजी करते हुए जिला अधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध केवल हाल की घटना तक सीमित नहीं था, बल्कि लंबे समय से चली आ रही भ्रष्टाचार और प्रशासनिक निष्क्रियता के खिलाफ वकीलों की गहरी नाराजगी का प्रतीक था।

दी सेन्ट्रल बार एसोसिएशन बनारस वाराणसी और दी बनारस बार एसोसिएशन वाराणसी की संयुक्त आम सभा बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता अधिवक्ता मंगलेश कुमार दुबे ने की और संचालन शशांक कुमार श्रीवास्तव ने किया। सभा में अधिवक्ता सतीश तिवारी, राजेश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव समेत बड़ी संख्या में वकील मौजूद रहे। इस दौरान अधिवक्ता राजनाथ यादव पर लेखपाल कुंदन सिंह और उसके साथियों द्वारा किए गए हमले और अभद्रता की घटना की कड़ी निंदा की गई।

सभा में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि तहसील सदर में पत्रावलियों के निस्तारण के नाम पर खुलेआम लाखों रुपये की रिश्वत मांगी जाती है और जिलाधिकारी को कई बार शिकायत दिए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिवक्ताओं का कहना था कि यही कारण है कि भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि वायरल वीडियो में लेखपालों की गुंडई साफ दिखाई दे रही है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। उलटे थाना शिवपुर प्रभारी निरीक्षक पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने मनगढ़ंत तहरीर के आधार पर अधिवक्ताओं के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया, जो अधिवक्ता समाज के प्रति पुलिस की दुर्भावनापूर्ण मानसिकता को दर्शाता है।

आम सभा से लेकर धरना-प्रदर्शन तक अधिवक्ताओं ने एक सुर में मांग की कि दोषी लेखपालों को तत्काल बर्खास्त किया जाए, उनकी संपत्तियों की जांच हो और हमले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए। साथ ही शिवपुर थाना प्रभारी निरीक्षक को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू करने और अधिवक्ताओं पर दर्ज फर्जी मुकदमों को वापस लेने की भी मांग की गई।

दिनभर चले विरोध प्रदर्शन में अधिवक्ता डीएम पोर्टिको पर डटे रहे। उन्होंने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और मौके पर पहुंचे पुलिस बल को खरी-खोटी सुनाते हुए खदेड़ दिया। इस आंदोलन में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्रीनाथ त्रिपाठी और वाराणसी बार एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल हुए। अधिवक्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि जल्द ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन और उग्र रूप धारण करेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि न्याय की इस लड़ाई को अधिवक्ता समाज सड़क से लेकर अदालत तक जारी रखेगा।

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