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वाराणसी: अग्निवीर भर्ती में फर्जी दस्तावेजों का खेल, सात मामले आए सामने

वाराणसी: अग्निवीर भर्ती में फर्जी दस्तावेजों का खेल, सात मामले आए सामने

वाराणसी अग्निवीर भर्ती में सात अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज जमा किए, जिनमें कुछ पर पहले से मुकदमे भी दर्ज हैं, सेना ने जांच शुरू की।

वाराणसी: भारतीय सेना में भर्ती के लिए चल रही तैयारियों के बीच एक गंभीर मामला सामने आया है। अग्निवीर भर्ती में शामिल होने के लिए कई अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेजों का सहारा ले रहे हैं। इस बार सात अभ्यर्थियों के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से कुछ पर पहले से मुकदमे भी चल रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि आरोपों के बावजूद पुलिस विभाग की ओर से इन अभ्यर्थियों को चरित्र प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। वहीं, कुछ अभ्यर्थियों ने नकली शैक्षिक प्रमाण पत्र भी जमा किए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, इस गड़बड़ी की जानकारी सेना के अधिकारियों को अभ्यर्थियों के ही पड़ोसियों और रिश्तेदारों के जरिए मिल रही है। कई लोगों ने फोन और डाक के माध्यम से संबंधित जानकारी सेना भर्ती कार्यालय तक पहुंचाई है। सेना अब इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अभ्यर्थियों और दस्तावेज जारी करने वाले विभागों की जांच कराने जा रही है। दोषी पाए जाने पर न केवल अभ्यर्थियों बल्कि संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि सेना भर्ती कार्यालय वाराणसी के अंतर्गत आने वाले जिलों-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र, चंदौली, आजमगढ़, देवरिया और गोरखपुर में अग्निवीर भर्ती रैली आगामी 7 नवंबर से 25 नवंबर तक आयोजित की जानी है। भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईमानदारी को बनाए रखने के लिए सेना अब सतर्क हो गई है।

गोरखपुर निवासी शुभम के खिलाफ छह महीने पहले थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बावजूद उसने पहचान के लोगों की मदद से फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र तैयार करवा लिया और भर्ती में शामिल होने की कोशिश कर रहा है। हैरत की बात यह है कि यह जानकारी शुभम के ही दोस्त ने सेना भर्ती कार्यालय तक पहुंचाई। दोस्त ने अधिकारियों को बताया कि मुकदमे के बावजूद शुभम ने प्रमाण पत्र हासिल कर लिया है और अब सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा है।

इसी तरह, गाजीपुर निवासी रोहन का मामला भी सामने आया है। रोहन हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हो गया था, लेकिन उसने पैसे देकर नकली मार्कशीट बनवा ली। इस गड़बड़ी की जानकारी रोहन के चचेरे भाई ने खुद सेना भर्ती कार्यालय को फोन के जरिए दी। भाई ने स्पष्ट किया कि रोहन के पास असली शैक्षिक प्रमाण पत्र नहीं है और उसने गलत तरीके से दस्तावेज तैयार करवाए हैं।

सेना भर्ती कार्यालय ने इस तरह की शिकायतों को अब गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। पहली बार इतनी बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेजों का मामला प्रकाश में आया है। सेना भर्ती कार्यालय वाराणसी के निदेशक कर्नल शैलेश कुमार ने साफ किया है कि, "जिन भी अभ्यर्थियों के पास फर्जी दस्तावेज पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही संबंधित विभागों से भी जवाब तलब किया जाएगा।"

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