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वाराणसी: विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने किया सी.एम. ऐंग्लो बंगाली कॉलेज में प्राचीन भारतीय खेलों का भव्य उद्घाटन

वाराणसी: विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने किया सी.एम. ऐंग्लो बंगाली कॉलेज में प्राचीन भारतीय खेलों का भव्य उद्घाटन

भेलूपुर स्थित कॉलेज में प्राचीन भारतीय खेलों के उद्घाटन पर शिक्षकों, छात्रों व अतिथियों की उत्साही भागीदारी रही।

वाराणसी: सी.एम. ऐंग्लो बंगाली कॉलेज, भेलूपुर में आयोजित प्राचीन भारतीय खेलों के उद्घाटन समारोह में भारी उत्साह और शैक्षणिक-सांस्कृतिक गंभीरता का समन्वय देखने को मिला। कॉलेज के अध्यक्षीय प्रांगण में माँ सरस्वती एवं माँ भारती के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई, जिसके बाद विद्यालय प्रशासन, शिक्षक-शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वाराणसी कैंट के विधायक सौरभ श्रीवास्तव और मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक नितिन जी उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में काशी विकास प्राधिकरण के सदस्य अम्बरीश सिंह 'भोला' भी कार्यक्रम के भागीदार रहे।

मुख्य अतिथि सौरभ श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा और खेल कभी भी अलग नहीं रहे और अब यह धारणा पूरी तरह से खो चुकी है। उन्होंने कॉलेज के विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए बताया कि खेल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास का भी माध्यम हैं। श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि छात्रों में खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए विविध पहल की जा रही हैं और काशी सांसद द्वारा आयोजित खेल-कूद प्रतियोगिताएं इसी दिशा का हिस्सा हैं। उन्होंने प्राचीन खेलों के पुनरुत्थान को शैक्षिक संस्कृति का एक सकारात्मक कदम बताया और विद्यालय के खेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए प्रशासन को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने छात्रों के लिए 100 से अधिक कुर्सियों की व्यवस्था करने का प्रस्ताव भेजने का जिक्र कर विद्यालय प्रशासन को तुरंत आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने में सहयोग का भरोसा दिलाया। विद्यालय ने भी इस सहायता के लिए विधायक का धन्यवाद व्यक्त किया और बताया कि शौचालय निर्माण जैसी बुनियादी सुविधाओं में विधायक के प्रयासों की सराहना की जाती है।

मुख्य वक्ता नितिन जी ने प्राचीन खेलों और खेल-संस्कार पर बल देते हुए कहा कि खेल न केवल शारीरिक फिटनेस प्रदान करते हैं बल्कि छात्र के मनोबल और अनुशासन को भी सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने कबड्डी, खो-खो जैसी पारंपरिक खेल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास में इन खेलों का विशेष स्थान रहा है और वे युवा पीढ़ी में टीम भावना व परिश्रम का संदेश देते हैं। नितिन जी ने छात्रों से आग्रह किया कि वे खेल भावना अपनाएँ, जीत-हार दोनों में समान सम्मान रखें और पारंपरिक खेलों को आधुनिक आयोजनों के साथ जोड़कर आगे बढ़ाएँ।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि अम्बरीश सिंह 'भोला' ने भी अपने विचार रखे और कहा कि स्थानीय और पारंपरिक खेलों को विद्यालयी पाठ्यक्रम व सह-पाठ्य गतिविधियों में शामिल करने से न सिर्फ बच्चों की रुचि बढ़ेगी, बल्कि सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिलेगी। उनके अनुसार, युवा स्वास्थ्य व सामूहिकता के साथ-साथ स्थानीय खेलों के जन-समर्थन से सभ्य परंपरागत खेलों का पुनरुत्थान संभव है।

प्रांगण में उपस्थित प्रधानाचार्य डॉ. अनुराग मिश्र ने कार्यक्रम के समापन भाषण में अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि विद्यालय जल्द ही खेल उपकरणों और सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा ताकि विद्यार्थी नियमित रूप से प्रशिक्षण ले सकें और प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर सफलता अर्जित कर सकें। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि विद्यार्थियों में लोक-कला तथा सांस्कृतिक विरासत के प्रति गर्व की भावना भी जागृत करेगी। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय प्रवक्ता भरत कुमार सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डॉ. अनुराग मिश्र ने ही दिया। इस अवसर पर विद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य राजकुमार पाठक, पूर्व प्राधिकृत नियंत्रक डॉ. प्रभाष झा सहित अन्य सम्मानित शिक्षक-शिक्षिकाएँ भी उपस्थित रहीं।

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