News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी में एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई, नगर निगम कर्मचारी घूस लेते गिरफ्तार

वाराणसी में एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई, नगर निगम कर्मचारी घूस लेते गिरफ्तार

वाराणसी में एंटी करप्शन टीम ने नगर निगम के सुपरवाइजर को ₹4000 रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, उस पर दस साल से भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

वाराणसी: पवित्र नगरी वाराणसी में नगर निगम की साख पर एक बार फिर सवाल उठे हैं। भ्रष्टाचार की जड़ों तक पहुंचने के लिए एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए भेलूपुर क्षेत्र से नगर निगम के एक कर्मचारी को ₹4000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई न केवल नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार की हकीकत उजागर करती है, बल्कि उन कर्मचारियों के लिए भी सख्त संदेश है जो वर्षों से व्यवस्था को अपने निजी स्वार्थों की गिरफ्त में जकड़े हुए हैं।

पकड़ा गया आरोपी निगम कर्मचारी रामचन्द्र बताया जा रहा है, जो अपने क्षेत्र में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत है। उस पर पिछले 10 वर्षों से घूस लेने और कर्मचारियों का शोषण करने के गंभीर आरोप लगे हैं। टीम ने उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया और उससे लंबी पूछताछ की जा रही है ताकि इस पूरे नेटवर्क की परतें खोली जा सकें।

शिकायतकर्ता महेन्द्र पुत्र स्व. श्रीराम, जो चंदौली जिले के चकिया के रहने वाले हैं, वाराणसी नगर निगम में आउटसोर्सिंग के तहत सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत हैं। महेन्द्र ने बताया कि वे बीते 10 वर्षों से रेवड़ी तालाब चौकी क्षेत्र में सफाई का कार्य कर रहे हैं। लेकिन उनका सुपरवाइजर रामचन्द्र हर महीने उनसे ₹2000 की रिश्वत मांगता था। न देने पर वह उनकी हाजिरी काट देता था, जिससे उनकी तनख्वाह में कटौती होती थी और बार-बार अपमानजनक व्यवहार किया जाता था।

महेन्द्र ने बताया कि "हम लोग मेहनत से काम करते हैं, पर सुपरवाइजर पिछले दस साल से हर महीने ₹2000 वसूलता है। हमारे वार्ड में करीब 34 सफाईकर्मी काम करते हैं और सभी से वसूली की जाती है। इस बार जुलाई और अगस्त के ₹4000 की मांग की जा रही थी, जब मैंने देने से इनकार किया तो धमकाया गया। मजबूर होकर मैंने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की।"

शिकायत मिलते ही एंटी करप्शन टीम ने तत्काल रणनीति तैयार की और भेलूपुर क्षेत्र में जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी ने शिकायतकर्ता से ₹4000 की रिश्वत ली, टीम ने मौके पर ही उसे पकड़ लिया। नकदी बरामद की गई और सबूतों के साथ आरोपी को हिरासत में लिया गया।

सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने कुछ अन्य कर्मचारियों के नामों का भी जिक्र किया है, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है। संभव है कि नगर निगम के भीतर रिश्वतखोरी का एक संगठित रैकेट वर्षों से सक्रिय रहा हो।

टीम के अधिकारियों ने बताया कि, "शिकायतकर्ता के बयान और बरामद साक्ष्यों के आधार पर जांच की जा रही है। कोई भी व्यक्ति या अधिकारी दोषी पाया गया तो उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार के मामलों में अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।"

इस कार्रवाई के बाद वाराणसी नगर निगम के कर्मचारियों में भारी हड़कंप मच गया है। कई कर्मचारी अपने-अपने रिकॉर्ड और पुराने लेनदेन को लेकर चिंतित हैं। निगम मुख्यालय में पूरे दिन इस कार्रवाई की चर्चा होती रही।
स्थानीय नागरिकों और सफाईकर्मियों ने इस कदम को “लंबे समय से चले आ रहे शोषण के खिलाफ ऐतिहासिक कार्रवाई” बताया। लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई से उन कर्मचारियों को न्याय की उम्मीद जगी है जो वर्षों से उत्पीड़न झेल रहे थे लेकिन डर के कारण आवाज नहीं उठा पा रहे थे।

त्योहारों के मद्देनज़र शहर में भीड़ और संवेदनशील इलाकों में पुलिस प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। शहर में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

इस कार्रवाई ने जनता के भीतर एक नई उम्मीद जगाई है कि वाराणसी जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक शहर में अब सिर्फ गलियों की नहीं, बल्कि सिस्टम की सफाई भी शुरू हो चुकी है। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने इसे एंटी करप्शन टीम की साहसिक सफलता बताया और उम्मीद जताई कि आगे भी ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

यह मामला सिर्फ ₹4000 की रिश्वत का नहीं, बल्कि उस भ्रष्ट मानसिकता का है जिसने वर्षों से मेहनतकश सफाईकर्मियों का हक छीना। इस बार वाराणसी ने न सिर्फ गंगा की सफाई का संकल्प दोहराया है, बल्कि अपने तंत्र की भी गंदगी को धोने की शुरुआत कर दी है।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
Bluva Beverages Pvt. Ltd

LATEST NEWS