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वाराणसी: अवैध संबंध के चलते ब्लाइंड मर्डर, एक साल बाद हुआ खुलासा, दो गिरफ्तार

वाराणसी: अवैध संबंध के चलते ब्लाइंड मर्डर, एक साल बाद हुआ खुलासा, दो गिरफ्तार

वाराणसी पुलिस ने एक साल पहले हुए ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाई, अवैध संबंध के चलते युवक की हत्या में दो आरोपी गिरफ्तार किए गए.

वाराणसी: अवैध संबंधों की वजह से हुए एक ब्लाइंड मर्डर का राज खुलने में पूरे एक साल लग गया। पुलिस ने मंगलवार को इस सनसनीखेज मामले से पर्दा उठाते हुए महिला के देवर और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने युवक को चाकू से गोदकर उसकी हत्या की और शव को गंगा में फेंककर फरार हो गए थे। हत्या का कारण महिला और युवक के बीच कथित अवैध संबंध थे।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह घटना वाराणसी के दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के शीतला घाट इलाके की है। मृतक विशाल कुमार, मूल रूप से चोलापुर के कटारी गांव का रहने वाला था और शीतला घाट स्थित एक हैंडीक्राफ्ट की दुकान पर काम करता था। वहीं उसकी पहचान इलाके की एक विवाहित महिला से हुई, जिसके साथ उसके संबंध बन गए। महिला के देवर वीरू ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया और इसी से उसके मन में बदले की भावना जागी।

पुलिस पूछताछ में आरोपी वीरू ने कबूल किया कि उसने अपनी भाभी को विशाल के साथ रंगे हाथ पकड़ने के बाद हत्या की योजना बनाई। इस साजिश में उसका पुराना दोस्त दिलीप, जो पेशे से मोटर मैकेनिक है, शामिल हो गया। योजना के तहत 3 अगस्त 2024 को वीरू ने विशाल को फोन कर पांडेयपुर बुलाया। वहां से तीनों साथ में आशापुर पहुंचे, जहां उन्होंने शराब पी। इसके बाद मौका पाकर दोनों ने मिलकर रामचंदीपुर के पास गंगा किनारे विशाल पर चाकुओं से ताबड़तोड़ हमला कर दिया और शव को गंगा में बहा दिया।

हत्या के बाद आरोपी ऐसे व्यवहार करते रहे जैसे कुछ हुआ ही न हो। वे सामान्य दिनचर्या में लगे रहे ताकि किसी को शक न हो। इसी बीच विशाल की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके परिजनों ने दशाश्वमेध थाने में दर्ज कराई। पुलिस लगातार सुराग तलाशने में जुटी रही, लेकिन शव का कोई पता नहीं चल पाया।

इस मामले में लगभग 11 महीने तक कोई ठोस सफलता हाथ नहीं लगी। आखिरकार 5 जुलाई 2025 को कोर्ट के आदेश पर दशाश्वमेध थाने में एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 142 और 61(2) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया। इस बीच जांच की कमान एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अतुल अंजान के नेतृत्व में एक टीम को सौंपी गई, जिसने मोबाइल सर्विलांस के जरिए सुराग जुटाना शुरू किया।

पुलिस ने मृतक विशाल के कॉल डिटेल रिकार्ड (CDR) खंगाले तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। जांच में पाया गया कि विशाल, घटना से दो महीने पहले से महिला अंकिता कुमारी से लगातार संपर्क में था। वहीं उसके मोबाइल पर हत्या वाले दिन का आखिरी कॉल उसके रिश्ते के भाई वीरू का ही था। इस पर पुलिस ने शक गहराया और पूरी CDR खंगालने पर पता चला कि वीरू की बातचीत अक्सर अपनी भाभी से भी होती थी। सख्ती से पूछताछ करने पर आखिरकार वीरू टूट गया और पूरी वारदात कबूल कर ली।

एडीसीपी काशी सरवणन टी ने बताया कि हत्या के बाद शव गंगा में बहा दिए जाने के चलते पुलिस को उसकी बरामदगी की उम्मीद बहुत कम थी। लेकिन गाजीपुर जिले में 5 अगस्त 2024 को गंगा किनारे एक लाश बरामद हुई थी। शव पर वही कपड़े थे, जो विशाल ने अपने लापता होने वाले दिन पहने थे। अब मृतक की अंतिम पुष्टि के लिए डीएनए जांच कराई जाएगी।

पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं, इस खुलासे ने वाराणसी में एक बार फिर रिश्तों और अवैध संबंधों से जुड़े अपराधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग इस घटना से स्तब्ध हैं कि बदले की भावना किस तरह एक युवक की जिंदगी खत्म कर सकती है और आरोपी एक साल तक सामान्य जिंदगी जीते रहे।

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