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वाराणसी: मानव तस्करी मामले में एक दोषी, पांच हुए बरी, 29 नवंबर को सजा पर सुनवाई

वाराणसी: मानव तस्करी मामले में एक दोषी, पांच हुए बरी, 29 नवंबर को सजा पर सुनवाई

वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मानव तस्करी के एक मामले में कोलकाता के अनिल बरनवाल को दोषी ठहराया है, जबकि पांच बरी हुए; सजा पर सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

वाराणसी: चेतगंज थाना क्षेत्र में दर्ज बच्चा चोरी और मानव तस्करी के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम ने एक आरोपी को दोषी करार दिया है, जबकि पांच अन्य आरोपियों को पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर दोषमुक्त कर दिया गया. अदालत ने कोलकाता के हरिदेवपुर थाना अंतर्गत कृष्णानगर निवासी अनिल बरनवाल को मानव तस्करी में शामिल पाए जाने पर दोषी घोषित किया है. अदालत अब 29 नवंबर को सजा पर सुनवाई करेगी.

मामला मई 2023 का है जब चेतगंज थाना क्षेत्र के सेनपुरा मोहल्ला निवासी समशेर सिंह ने अपनी एक वर्षीय बेटी के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. समशेर पारिवारिक विवाद की वजह से परिवार के साथ अंधरापुल के नीचे रह रहा था और मजदूरी कर घर चलाता था. घटना वाली रात वह परिवार के साथ सोया था और सुबह उठने पर उसने पाया कि साथ में सो रही उसकी मासूम बेटी गायब है. बच्ची की तलाश कई दिनों तक की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. आखिरकार समशेर ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जिससे पुलिस ने जांच शुरू की.

जांच के दौरान पुलिस को कुछ संदिग्धों के बारे में जानकारी मिली. सुरागों के आधार पर पुलिस ने झारखंड के हजारीबाग निवासी मदन मोदी को गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने बताया कि जयपुर निवासी मनीष जैन कोडरमा आया था और उसने उससे बच्ची को 50 हजार रुपये में खरीदा था. इसके बाद बच्ची को दो लाख रुपये में कोलकाता निवासी अनिल बरनवाल को बेच दिया गया. इस खुलासे के बाद पुलिस ने कार्रवाई तेज की और 20 मार्च को अनिल बरनवाल को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के दौरान बच्ची को भी सुरक्षित बरामद कर लिया गया.

पुलिस ने इस केस में कुल छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था जिनमें मनीष जैन, संतोष गुप्ता, शिखा देवी, शिवम गुप्ता उर्फ प्रवीण मोदनवाल और मदन मोदी शामिल थे. लेकिन गवाहों के बयान और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने पाया कि पांच आरोपियों के खिलाफ अपराध साबित नहीं हो पाया. इसलिए उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया. वहीं, अनिल बरनवाल के खिलाफ मिले साक्ष्य पर्याप्त पाए गए और उसे मानव तस्करी में दोषी घोषित किया गया.

यह मामला न केवल बच्चा चोरी बल्कि संगठित मानव तस्करी के गंभीर खतरे को भी उजागर करता है. पुलिस और अदालत दोनों ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच और सुनवाई आगे बढ़ाई. अदालत अब 29 नवंबर को दोषी के खिलाफ सजा तय करेगी. बच्ची की बरामदगी ने परिवार को राहत दी है, लेकिन घटना ने क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं भी खड़ी कर दी हैं.

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