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वाराणसी: डालिम्स स्कूल सिगरा की शिक्षिका छेड़खानी मामले में कोर्ट का आदेश, विवेचक पर विभागीय जांच का आदेश

वाराणसी: डालिम्स स्कूल सिगरा की शिक्षिका छेड़खानी मामले में कोर्ट का आदेश, विवेचक पर विभागीय जांच का आदेश

वाराणसी के डालिम्स स्कूल में अध्यापिका से छेड़खानी और मोबाइल छीनने के मामले में न्यायालय ने पुलिस आयुक्त को विवेचक के खिलाफ विभागीय जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

वाराणसी: डालिम्स सिगरा स्कूल में कार्यरत एक महिला अध्यापिका के साथ छेड़खानी, मोबाइल छीनने और गाली-गलौज के मामले में दाखिल अंतिम रिपोर्ट को लेकर कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने विवेचक अभय सिंह परिहार के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश देते हुए पुलिस कमिश्नर वाराणसी को आदेशित किया है कि वे जांच कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें।

इस मामले में 27 मई को पीड़िता अध्यापिका ने सिगरा थाने में स्कूल के डीन के विरुद्ध तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें छेड़खानी, मोबाइल छीनने और अभद्र भाषा का प्रयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। शिकायत दर्ज होने के बाद इस मामले की विवेचना उपनिरीक्षक अभय सिंह परिहार को सौंपी गई थी।

पीड़िता का आरोप है कि विवेचक ने विवेचना में गंभीर लापरवाही बरती। अधिवक्ता के माध्यम से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल आपत्ति में यह कहा गया कि विवेचक ने पीड़िता का बयान भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 183 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज नहीं करवाया, जबकि यह कानूनी रूप से आवश्यक था। इसके विपरीत विवेचक ने महज 7 दिनों में फाइनल रिपोर्ट (FR) तैयार कर उसे अदालत में दाखिल कर दिया, जिससे पीड़िता असंतुष्ट थी।

महिला अध्यापिका ने कोर्ट के समक्ष यह भी आरोप लगाया कि विवेचना प्रक्रिया में निष्पक्षता नहीं बरती गई और विवेचक ने आरोपी के पक्ष में प्रभाव में आकर रिपोर्ट तैयार की। पीड़िता के अनुसार, जांच में ऐसे कई बिंदुओं की अनदेखी की गई जो आरोप की गंभीरता को प्रमाणित करते हैं और विवेचक द्वारा जल्दबाज़ी में रिपोर्ट दाखिल कर मामला निष्पादन की ओर बढ़ाया गया।

इन सभी पहलुओं पर विचार करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले की गंभीरता को से लिया और पुलिस कमिश्नर वाराणसी को निर्देश जारी किया कि इस प्रकरण में विवेचक अभय सिंह परिहार की भूमिका की विभागीय जांच कराई जाए और 15 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर जांच रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें।

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