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वाराणसी में साइबर अपराधों पर सख्त कार्रवाई, 654 मोबाइल नंबर ब्लॉक, 84 गिरफ्तार

वाराणसी में साइबर अपराधों पर सख्त कार्रवाई, 654 मोबाइल नंबर ब्लॉक, 84 गिरफ्तार

वाराणसी साइबर सेल ने 654 मोबाइल नंबर ब्लॉक किए और 84 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, 2.16 करोड़ की धोखाधड़ी राशि वापस कराई.

वाराणसी में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए साइबर सेल ने सख्त कदम उठाए हैं। पिछले एक महीने में पुलिस ने लगातार कार्रवाई करते हुए 654 मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कराया और 335 संदिग्ध IMEI नंबरों को डिएक्टिवेट कराया है। शहर में सक्रिय फर्जी कॉल सेंटरों पर छापेमारी करते हुए साइबर टीम ने 6 फर्जी कॉल सेंटरों का संचालन करने वाले 84 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इन सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, जबकि 3 सक्रिय गैंगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

साइबर थाने और साइबर क्राइम सेल की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कुल 2.16 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी राशि पीड़ितों को वापस कराई गई है। इसके अलावा पिछले तीन महीनों में 291 साइबर जागरूकता कार्यक्रम स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित किए गए, जिनमें करीब 38 हजार से अधिक लोगों को साइबर अपराध से बचाव के बारे में जानकारी दी गई।

वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मंगलवार की रात साइबर क्राइम सेल के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने साइबर अपराधों से संबंधित शिकायतों के निस्तारण, पोर्टलों पर डेटा अपडेट, तकनीकी उपकरणों के उपयोग और अपराधियों के खिलाफ तेज कार्रवाई पर विस्तृत चर्चा की। कमिश्नर ने कहा कि साइबर अपराध आज के समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। सभी अधिकारी समयबद्ध और समन्वित तरीके से कार्रवाई करें, ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके। उन्होंने आदेश दिया कि साइबर अपराध में शामिल मोबाइल नंबर और डिवाइसों को तुरंत डिएक्टिवेट किया जाए और संबंधित अपराधियों को जेल भेजा जाए।बैठक में NCRP (National Cybercrime Reporting Portal) पर दर्ज शिकायतों की स्थिति की समीक्षा की गई। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि प्रत्येक शिकायत का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए और पीड़ितों को शीघ्र राहत प्रदान की जाए। उन्होंने थानावार लंबित शिकायतों की जिम्मेदारी तय करने और देरी पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

JIMS पोर्टल पर गिरफ्तार अभियुक्तों की प्रविष्टि समय पर सुनिश्चित करने और ‘प्रतिबिंब पोर्टल’ का उपयोग कर साइबर अपराध की प्रवृत्तियों और अभियुक्तों के पैटर्न का विश्लेषण करने के निर्देश भी दिए गए। संदिग्ध IMEI और मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करने के साथ-साथ एक समर्पित तकनीकी टीम गठित करने का निर्णय लिया गया, जो इन गतिविधियों की निगरानी करेगी।

पुलिस ने POS (Point of Sale) वेरिफिकेशन पर भी सख्ती दिखाई है और फर्जी POS से संबंधित मामलों में तत्काल विधिक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। म्यूल बैंक खातों की पहचान और सत्यापन को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि अवैध लेनदेन में शामिल व्यक्तियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जा सके।

पुलिस आयुक्त ने साइबर अपराध से जुड़े सभी मामलों में डिजिटल साक्ष्यों के संरक्षण और साइबर अधिकारियों के नियमित तकनीकी प्रशिक्षण पर जोर दिया। इसके साथ ही आम जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर अभियान चलाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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