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वाराणसी: गुरु पूर्णिमा और सावन में सुरक्षा के लिए जल पुलिस की बैठक, नाविकों को दिए गए निर्देश

वाराणसी: गुरु पूर्णिमा और सावन में सुरक्षा के लिए जल पुलिस की बैठक, नाविकों को दिए गए निर्देश

वाराणसी में गुरु पूर्णिमा और सावन मास की भीड़ को देखते हुए जल पुलिस ने नाविकों के साथ बैठक की, जिसमें सुरक्षा नियमों का पालन करने और क्षमता से कम सवारियां ले जाने के निर्देश दिए गए।

वाराणसी: गुरु पूर्णिमा और सावन मास की आगामी भीड़-भाड़ व धार्मिक गतिविधियों को देखते हुए काशी के जल क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गुरुवार को जल पुलिस कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता अपर पुलिस उपायुक्त काशी जोन सरवणन टी. ने की। इस दौरान जल पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त शुभम कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक जल पुलिस राजकिशोर पांडेय, एनडीआरएफ प्रभारी विनीत कुमार सिंह, नाविकों के प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष प्रमोद मांझी और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

बैठक में घाटों पर बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या, जलस्तर में वृद्धि और नाव संचालन से जुड़ी तमाम सुरक्षा चुनौतियों पर गंभीरता से चर्चा की गई। अधिकारियों ने नाविकों और घाट संचालकों को 13 अहम दिशा-निर्देशों का पालन करने की सख्त हिदायत दी, ताकि किसी भी अप्रिय घटना की संभावना को पहले ही टाला जा सके।

बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि गंगा का जलस्तर वर्तमान में काफी ऊंचा है, इसलिए सभी नाविक धीमी गति से नाव चलाएं और क्षमता से आधी सवारी ही नाव पर लें। चप्पू नाव या 20 से कम सवारियों वाली बोट के संचालन पर आगामी आदेश तक पूर्ण प्रतिबंध लागू रहेगा। नाविकों को मादक पदार्थ या शराब के सेवन की स्थिति में नाव संचालन से पूरी तरह रोका जाएगा। साथ ही, नाव चलाते समय मोबाइल का उपयोग न करने की सख्त हिदायत दी गई है।

हर नाव पर दो जिम्मेदार व्यक्ति चालक और सहचालक अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे। इन दोनों के पास हमेशा एक सीटी होनी चाहिए ताकि आपात स्थिति में उसका उपयोग किया जा सके। इसके अलावा, नाव का इंजन पूर्णतः सेवित होना चाहिए जिससे उसमें से धुआं न निकले और तकनीकी खराबी की संभावना कम रहे।

अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि सभी यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनाना अनिवार्य होगा। यात्रियों को नाव पर चढ़ने से पहले जैकेट पहनाई जाएगी और गंतव्य पर उतरने के बाद ही उसे वापस लिया जाएगा। अंधेरे में नाव की दृश्यता सुनिश्चित करने के लिए हर नाव पर अगली दिशा में प्रकाश व्यवस्था और चारों ओर रेडियम टेप लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।

सुरक्षा प्रावधानों के अंतर्गत नाव संचालन केवल प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट पर ही किया जा सकेगा। घाट किनारे चहलकदमी करने वालों और कांवड़ यात्रियों को भी सावधानी बरतने की अपील की गई है। किराए को लेकर श्रद्धालुओं या यात्रियों से कोई भी अभद्रता नहीं की जाएगी। इस बिंदु पर भी खास ध्यान देने को कहा गया।

इस बैठक में स्थानीय नाविक समुदाय के कई वरिष्ठ सदस्यों, शंभू निषाद, बबलू साहनी, राकेश साहनी, तरना साहनी, बसंत साहनी, रामबाबू साहनी समेत दर्जनों माझी समाज के गणमान्य लोगों ने भाग लिया और आश्वस्त किया कि वे प्रशासन के हर दिशा-निर्देश का कड़ाई से पालन करेंगे।

प्रशासन ने सभी संबंधित पक्षों से सहयोग की अपील की है ताकि आगामी धार्मिक पर्व श्रद्धा, सुरक्षा और शांति के वातावरण में संपन्न हो सकें।

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Category: crime uttar pradesh

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