News Report
Search Icon
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी: लंका पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पशु तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, 58 मवेशी मुक्त

वाराणसी: लंका पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पशु तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, 58 मवेशी मुक्त

वाराणसी में लंका पुलिस ने पशु तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए रमना के पास से चार तस्करों को गिरफ्तार किया और 38 गायों, 3 सांडों व 17 बछियाओं समेत 58 मवेशियों को मुक्त कराया, मास्टरमाइंड फरार।

वाराणसी: लंका पुलिस ने पशु तस्करी के एक सक्रिय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए रमना बजबजा प्लांट के समीप चार तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। यह कार्रवाई तब संभव हो सकी जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली और टीम ने तत्काल घेराबंदी कर चार लोगों को मौके से दबोच लिया। पुलिस की इस सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते कुल 58 मवेशियों को मुक्त कराया गया, जिनमें 38 गायें, 3 सांड और 17 बछियाएं शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान शुभम भारती (निवासी टिकरी, चितईपुर), रतन लाल राजभर (निवासी खनाव, रोहनिया), विजय शंकर यादव उर्फ भोला यादव (निवासी नेवादा, सुंदरपुर) और सत्यपाल सिंह (निवासी बैरमपुर, अहरौरा, मिर्जापुर) के रूप में हुई है।

इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड बताया जा रहा सुनील यादव, जो भेलूपुर के न्यू कॉलोनी ककरमता का निवासी है, पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया है। पुलिस को इस गिरोह के पास से एक टाटा एस गोल्ड वाहन और एक मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है, जिनका उपयोग मवेशियों की तस्करी में किया जा रहा था। पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि वे कई बार स्थानीय डेयरी संचालकों और ग्रामीणों से जानवरों को खरीदते हैं, और सड़कों पर खुले घूमने वाले बेसहारा मवेशियों को पकड़कर अपनी डेयरियों में रखते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे, शक की गुंजाइश न हो, इस उद्देश्य से वे छोटी गाड़ियों के माध्यम से दो-तीन पशुओं को एक बार में बिहार ले जाकर ऊंचे दामों पर बेच देते हैं।

पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि तस्करी का यह धंधा केवल व्यापार नहीं, बल्कि एक सुनियोजित नेटवर्क की शक्ल ले चुका है, जिसमें डेयरी संचालन की आड़ ली जाती है। गिरफ्तार अभियुक्तों में विजय शंकर यादव उर्फ भोला यादव, सत्यपाल सिंह और फरार मुख्य सरगना सुनील यादव सभी अपने-अपने नाम पर डेयरियां चला रहे हैं, जिनका उपयोग पशु एकत्र करने और बेचने के लिए किया जाता था। ये आरोपी बिना दूध देने वाली गायों और बैलों को चुनकर बिहार के भभुआ क्षेत्र में स्थित एक बड़े पशु तस्कर को बेचते थे। पशुओं को इस प्रकार तस्करी करके सीमा पार पहुंचाना न सिर्फ कानूनन अपराध है, बल्कि पशु क्रूरता का गंभीर उदाहरण भी है।

लंका पुलिस द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम देने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक राजकुमार रमना, चौकी प्रभारी नवीन चतुर्वेदी, नगवा चौकी प्रभारी शिवाकर मिश्रा, उपनिरीक्षक राहुल जायसवाल, हेड कांस्टेबल आशीष चौबे और रोशन कुमार जैसे अधिकारी शामिल थे, जिन्होंने मौके पर तत्परता और कुशलता के साथ कार्रवाई की। इस अभियान से न सिर्फ एक संगठित तस्करी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि पशु संरक्षण के दिशा में भी एक बड़ी राहत सामने आई है।

पुलिस अब फरार चल रहे मास्टरमाइंड सुनील यादव की गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही वह भी कानून की गिरफ्त में होगा। इस कार्रवाई को स्थानीय प्रशासन और आमजनता द्वारा भी सराहा जा रहा है, क्योंकि यह एक ऐसा गंभीर मामला था जिसमें मासूम और मूक प्राणियों का व्यापारिक शोषण हो रहा था। वाराणसी पुलिस की यह सफलता न सिर्फ कानून व्यवस्था की दृढ़ता का परिचायक है, बल्कि पशु अधिकारों के संरक्षण की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL

Category: crime uttar pradesh

LATEST NEWS