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वाराणसी: वकील पर हमले के बाद अधिवक्ताओं का प्रदर्शन दरोगा की गिरफ्तारी की मांग

वाराणसी: वकील पर हमले के बाद अधिवक्ताओं का प्रदर्शन दरोगा की गिरफ्तारी की मांग

वाराणसी में दरोगा द्वारा वकील की पिटाई के बाद अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया और आरोपी दरोगा की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

वाराणसी में वकील शिव प्रताप सिंह के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर अधिवक्ताओं में गहरी नाराजगी देखने को मिली। सोमवार को कचहरी खुलने के बाद सेंट्रल बार एसोसिएशन और बनारस बार एसोसिएशन के नेतृत्व में अधिवक्ता जिला जज परिसर स्थित पोर्टिको में धरना प्रदर्शन पर बैठे। वकीलों ने घटना में आरोपी दरोगा गोपाल कन्हैया की तत्काल गिरफ्तारी की मांग उठाई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

यह मामला 13 सितंबर की रात का है, जब वकील शिव प्रताप सिंह अपनी पत्नी को सोरहिया मेले में माता लक्ष्मी का दर्शन कराने के बाद अपने कमच्छा स्थित आवास लौट रहे थे। रथयात्रा चौराहे पर नो इंट्री को लेकर उनका भेलूपुर थाने के दरोगा गोपाल कन्हैया से विवाद हो गया। आरोप है कि इसी दौरान दरोगा ने उनके साथ मारपीट और हाथापाई की, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं। इसके बाद घायल वकील को बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।

जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि 13 सितंबर की रात रथयात्रा चौराहे पर वकील और दरोगा के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद मारपीट की घटना सामने आई। अधिवक्ता को चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। इसमें एडीएम सिटी आलोक कुमार, एडीसीपी काशी सरवणन टी और एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार शामिल हैं। यह समिति एडीएम सिटी की अध्यक्षता में काम करेगी और अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने भी घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने हाल के दिनों में नागरिकों के साथ पुलिस व्यवहार को लेकर आई शिकायतों पर नाराजगी जताई और सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने के प्रयासों के बीच इस तरह की घटनाएं विभाग की छवि को धूमिल करती हैं और जनता में नकारात्मक संदेश भेजती हैं। कमिश्नर ने आदेश दिया कि किसी भी स्थिति में आम नागरिकों या परिवार के साथ यात्रा कर रहे लोगों के साथ दुर्व्यवहार न किया जाए। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ केवल मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत ही कार्रवाई की जाए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वाहनों की चेकिंग केवल संदिग्ध परिस्थितियों वाले वाहनों या व्यक्तियों तक ही सीमित रहे। इसमें ऐसे लोग शामिल हों जो बिना नंबर प्लेट के वाहन चला रहे हों, मुंह पर कपड़ा बांधकर यात्रा कर रहे हों, तीन सवारी लेकर चल रहे हों या जिनकी गतिविधियां संदिग्ध हों।

फिलहाल इस घटना में आरोपी दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और जांच चल रही है। अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक दरोगा को गिरफ्तार नहीं किया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा। मामला अब वाराणसी की कानून व्यवस्था और पुलिस व्यवस्था की साख के लिए भी चुनौती बन गया है।

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