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वाराणसी में मेट्रो और रोप-वे की परियोजनाएं जल्द होंगी शुरू, दो साल में शहर को मिलेगी मेट्रो सेवा

वाराणसी में मेट्रो और रोप-वे की परियोजनाएं जल्द होंगी शुरू, दो साल में शहर को मिलेगी मेट्रो सेवा

वाराणसी में मेट्रो-रोपवे परियोजनाएं जल्द शुरू होंगी, दिसंबर तक सर्वे के बाद दो साल में मिलेगी मेट्रो सेवा, 2025 तक सिग्नेचर ब्रिज भी।

वाराणसी में शहरी परिवहन के क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत होने जा रही है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद शहर में मेट्रो संचालन और रोप-वे परियोजना की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिला प्रशासन ने सर्वे के लिए राइट्स सहित अन्य कंपनियों से बातचीत शुरू कर दी है। उम्मीद जताई जा रही है कि सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक सर्वे शुरू हो जाएगा और अगले दो साल में बनारस भी मेट्रो वाले शहरों की सूची में शामिल हो जाएगा।

बनारस में जल्द ही देश का पहला शहरी सार्वजनिक परिवहन के रूप में रोप-वे सेवा भी शुरू होगी। यह सेवा मुख्य शहर से जुड़े बाहरी इलाकों और नए विस्तारित क्षेत्रों को जोड़कर यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाएगी। शहर में तेज़ी से हो रहे विकास के साथ मेट्रो सेवा को बाहरी इलाकों में सुगम यात्रा और ट्रैफिक रफ्तार बढ़ाने के लिए लागू किया जाएगा।

साथ ही, बनारस को 2025 तक एक किलोमीटर लंबा सिग्नेचर ब्रिज भी मिलेगा। यह ब्रिज काशी रेलवे स्टेशन को केंद्र में रखते हुए बनारस में देश के पहले 'परिवहन संगम' का हिस्सा बनेगा। राजघाट पर 1887 में बने मालवीय पुल के करीब 50 मीटर की दूरी पर 2500 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस ब्रिज का निर्माण अक्टूबर से शुरू होगा। ब्रिज में छह लेन की सड़क होगी और नीचे चार रेलवे ट्रैक बिछाए जाएंगे, जिन पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ सकेंगी।

शहर के कायाकल्प की शुरुआत 2014 में हुई थी और तब से लगातार विकास जारी है। धर्म, कला, संस्कृति और आर्थिक समृद्धि के क्षेत्र में हुए बदलावों ने वाराणसी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षित किया है। 2014 के बाद शहर के बाहरी इलाके जैसे बाबतपुर, पिडरा, चोलापुर, चौबेपुर और रामनगर तथा राजातालाब तक का विस्तार तेजी से हुआ है। साथ ही, औद्योगिक और व्यावसायिक संस्थान भी इन क्षेत्रों में खुल रहे हैं।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के अनुसार लगातार बढ़ती आबादी और शहर के विस्तार को देखते हुए मेट्रो चलाने पर काम शुरू किया गया है। शहर के बाहरी इलाकों और राजमार्गों को जोड़ते हुए मेट्रो संचालन की योजना बनाई गई है।

इसके अलावा, वाराणसी का कैंट रेलवे स्टेशन मल्टी-मॉडल टर्मिनल के रूप में विकसित होगा। यहां रोप-वे, मेट्रो और शहर के भीतर एसी बसों का इंटीग्रेटेड कॉरिडोर तैयार होगा, जिससे यात्रियों को शहर के किसी भी हिस्से तक आसानी से पहुँचने की सुविधा मिलेगी।

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