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वाराणसी: नगर निगम अधिवेशन में उठे जनसमस्याओं के मुद्दे, वक्फ संपत्तियों की जांच पर जोर

वाराणसी: नगर निगम अधिवेशन में उठे जनसमस्याओं के मुद्दे, वक्फ संपत्तियों की जांच पर जोर

वाराणसी नगर निगम की साधारण अधिवेशन बैठक में वक्फ संपत्तियों, स्ट्रीट लाइटों व जनसमस्याओं पर गंभीर बहस हुई।

वाराणसी: नगर निगम की साधारण अधिवेशन बैठक रविवार को मैदागिन स्थित टाउनहाल भवन में महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में शहर की प्रमुख समस्याओं पर जोरदार चर्चा हुई। वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जांच, खराब स्ट्रीट लाइटें, अतिक्रमण, गंदगी, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों की फाइलों में हो रही देरी तथा कार्यकारिणी समिति के प्रस्तावों को लेकर पार्षदों ने निगम प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। कई पार्षदों ने स्थानीय जनता की परेशानियों को विस्तार से रखते हुए निगम अधिकारियों से जवाब भी मांगा।

बैठक की शुरुआत पार्षद बृजेश चंद्र श्रीवास्तव ने की, जिन्होंने शहर की सीमा के भीतर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने मांग की कि विधानसभावार और वार्डवार इन संपत्तियों का पूरा ब्यौरा सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। इस पर महापौर अशोक तिवारी ने घोषणा की कि एक सप्ताह के भीतर इन संपत्तियों की जांच पूरी कर रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी। निगम प्रशासन ने इसे प्राथमिकता देते हुए जांच टीम गठित करने का आश्वासन भी दिया।

बैठक में स्ट्रीट लाइटों की खराबी को लेकर कई पार्षदों ने नाराजगी जताई। पार्षद अभिजीत भारद्वाज ने बताया कि शहर की आठ से दस हजार स्ट्रीट लाइटें लंबे समय से बंद पड़ी हैं। मरम्मत के बाद भी यह एक सप्ताह से अधिक नहीं चल पातीं। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा लगाए गए लाइटों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठे। इस पर आलोक विभाग के अवर अभियंता हरीश मिश्रा ने सफाई दी कि कई लाइटों को बदलने का निर्णय लिया गया है और जल्द ही नई लाइटें लगाई जाएंगी। महापौर ने इस पर सख्त नाराजगी जताते हुए निर्देश दिया कि तत्काल मरम्मत कर शहर को अंधेरे से मुक्त किया जाए।

बैठक में पार्षद संदीप रघुवंशी ने कैंट, बनारस सिटी और काशी स्टेशन मार्ग पर फैली गंदगी और कूड़े के ढेरों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि शहर के प्रमुख मार्गों पर अतिक्रमण भी बड़ी चुनौती बन चुका है। पार्षद मदन मोहन दुबे ने शिकायत की कि कार्यदायी संस्थाएं अंडरग्राउंड बिजली के तार बिछाने के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं करतीं, जिससे नागरिकों को काफी परेशानी होती है।

पार्षद अभय पांडेय, सीमा वर्मा और हारुन अंसारी ने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में हो रही देरी पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि कई फाइलें छह-छह महीने तक लंबित रहती हैं और एक साल पुरानी फाइलें एसडीएम के पास भेज दी जाती हैं। पार्षदों ने मांग की कि हर जोन में लंबित फाइलों का निस्तारण तय समय सीमा में किया जाए। पार्षद मोहम्मद तैयब ने नामांतरण फाइलों के सुरक्षित भंडारण के लिए जोनवार रिकॉर्ड रूम बनाने का सुझाव भी दिया। इस पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार चौधरी ने आश्वासन दिया कि अभियान चलाकर लंबित प्रमाण पत्र जल्द जारी कराए जाएंगे।

उपसभापति नरसिंह दास ने कार्यकारिणी समिति से पारित छह प्रस्ताव सदन में रखे। इनमें एबीसी-डॉग केयर सेंटर का संचालन, सारंग तालाब पर अर्बन मियावाकी फॉरेस्ट पार्क का विकास, एफएसएसएम उपविधि 2025 लागू करना, तंबाकू उत्पादों पर लाइसेंस शुल्क निर्धारण, विज्ञापन अनुज्ञा शुल्क उपविधि 2025 और यूनिटी मॉल निर्माण में बाधक वृक्षों को काटने का प्रस्ताव शामिल था।

बैठक के अंत में महापौर अशोक तिवारी ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि जनहित के मुद्दों पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था, स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत और प्रमाण पत्रों की फाइलों के निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर पूरा किया जाना चाहिए।

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