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वाराणसी: गंदगी पर नगर निगम प्रशासन सख्त, नवंबर से उल्लंघन पर दर्ज होगी FIR

वाराणसी: गंदगी पर नगर निगम प्रशासन सख्त, नवंबर से उल्लंघन पर दर्ज होगी FIR

वाराणसी नगर निगम नवंबर से गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त अभियान चलाएगा, बार-बार नियमों के उल्लंघन पर एफआईआर दर्ज होगी।

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वच्छता को लेकर अब नगर निगम प्रशासन ने पूरी तरह कमर कस ली है। दीपावली से पहले शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए निगम प्रशासन ने तय किया है कि अब सड़कों, मोहल्लों और बाजारों में फैलने वाली गंदगी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस सिलसिले में एक विशेष सफाई अभियान नवंबर माह से शुरू किया जाएगा, जिसके तहत नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, नगर निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि घरों के बाहर निर्माण मलबा फेंकने, मीट-मछली की दुकानों से निकलने वाले अपशिष्ट को खुले में डालने या आसपास गंदगी फैलाने वालों पर अब तत्काल जुर्माना लगाया जाएगा। पहली गलती पर चेतावनी और जुर्माने का प्रावधान रहेगा, लेकिन बार-बार गंदगी फैलाने पर संबंधित व्यक्ति या दुकानदार के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराई जाएगी। प्रशासन का कहना है कि अब शहर को “स्वच्छ काशी” के मॉडल के रूप में आगे लाने का समय है, और इसके लिए जनता का सहयोग भी जरूरी है।

अभियान की शुरुआत दीपावली के बाद नवंबर माह से की जाएगी। इस दौरान चालान बुक नगर निगम के सफाई निरीक्षकों को सौंप दी जाएगी, ताकि वे मौके पर ही कार्रवाई कर सकें। निगम के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने पर 100 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। स्थिति गंभीर होने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा सकती है।

पहले चरण में निगम की टीमें जनजागरूकता पर विशेष ध्यान देंगी। लोगों को समझाया जाएगा कि गंदगी फैलाने से न केवल शहर की छवि धूमिल होती है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके बाद दूसरे चरण में कड़ी निगरानी और दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू होगी।

निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सभी क्षेत्रीय निरीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे अपने-अपने वार्डों में नियमित निगरानी रखें और कहीं भी कूड़ा, मलबा या जलभराव की स्थिति मिलने पर तुरंत रिपोर्ट दर्ज करें। यदि किसी खाली प्लॉट में कूड़ा या गंदगी पाई जाती है, तो संबंधित प्लॉट मालिक पर 5 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।

अधिकारियों ने यह भी कहा है कि यह अभियान केवल सजा देने के लिए नहीं बल्कि लोगों की सोच बदलने के लिए है। उद्देश्य यह है कि नागरिक अपने स्तर पर सफाई व्यवस्था को गंभीरता से लें। नगर निगम ने इसके लिए जन सहयोग समिति और स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर की मदद लेने की भी योजना बनाई है, ताकि मोहल्ला स्तर पर लोगों को सफाई के प्रति प्रेरित किया जा सके।

निगम प्रशासन का यह कदम वाराणसी को “स्वच्छ सर्वेक्षण 2025” में बेहतर स्थान दिलाने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस बार वाराणसी को टॉप-10 स्वच्छ शहरों में शामिल कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

इस पूरे अभियान की निगरानी नगर आयुक्त के नेतृत्व में की जाएगी, और हर सप्ताह इसकी समीक्षा बैठक आयोजित होगी। यदि किसी क्षेत्र में सफाई की स्थिति खराब पाई जाती है, तो संबंधित जोनल अधिकारी और निरीक्षक पर भी कार्रवाई की जाएगी।

नगर निगम प्रशासन का यह सख्त रुख इस बात का संकेत है कि अब वाराणसी में गंदगी फैलाना सस्ता नहीं पड़ेगा। प्रशासन का लक्ष्य है कि दीपावली से पहले और उसके बाद भी शहर का हर कोना साफ-सुथरा, स्वच्छ और आकर्षक दिखे, ताकि ‘स्वच्छ काशी, सुंदर काशी’ का सपना साकार हो सके।

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