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वाराणसी: दालमंडी चौड़ीकरण में नगर निगम की शर्त, मुआवजे से पहले बकाया टैक्स वसूली की मांग

वाराणसी: दालमंडी चौड़ीकरण में नगर निगम की शर्त, मुआवजे से पहले बकाया टैक्स वसूली की मांग

वाराणसी के दालमंडी चौड़ीकरण में नगर निगम ने मुआवजे से पहले मकान मालिकों से ढाई करोड़ रुपये बकाया टैक्स वसूलने की मांग की है।

वाराणसी: शहर के सबसे व्यस्त और भीड़भाड़ वाले बाजार दालमंडी में चौड़ीकरण का काम अब तेज होने वाला है। बारिश खत्म होने के बाद यहां मकानों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और प्रभावित मकान मालिकों को जिला प्रशासन मुआवजा राशि देना शुरू करेगा। लेकिन अब इस पूरी प्रक्रिया में नगर निगम ने भी अपनी हिस्सेदारी मांग दी है। निगम का कहना है कि दालमंडी क्षेत्र के करीब दो सौ से अधिक मकान मालिकों पर ढाई करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स बकाया है, जिसे पहले वसूल किया जाना जरूरी है।

नगर निगम ने इस संबंध में लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन को पत्र भेजते हुए साफ कहा है कि मुआवजा देने से पहले मकान मालिकों की सूची में जिन पर बकाया टैक्स है, उस राशि को काटकर सीधे निगम को दिया जाए। निगम का यह कदम प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले अधिकांश मकान मालिकों पर वर्षों से टैक्स का भुगतान नहीं करने का आरोप है।

जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग ने जब नगर निगम से चौड़ीकरण में आने वाले मकानों के ध्वस्तीकरण के लिए अनुमति मांगी, तभी निगम ने अपनी बकायेदार सूची तैयार कर प्रशासन को सौंप दी। इस सूची में लगभग 190 से अधिक मकानों का जिक्र है जिन पर करीब ढाई करोड़ का टैक्स बाकी है. निगम का तर्क है कि बकाया वसूली किए बिना मुआवजा सीधे मालिकों को देना शहर के हित में नहीं होगा।

नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ने बताया कि निगम ने अपनी मांग स्पष्ट कर दी है। उनका कहना है कि मुआवजे की राशि से पहले टैक्स का भुगतान निगम को कर दिया जाए और उसके बाद शेष राशि मकान मालिक को दी जाए. इसका सीधा मतलब यह है कि दालमंडी चौड़ीकरण में प्रभावित होने वाले मकान मालिकों को मुआवजे के साथ-साथ अपने बकाया टैक्स की भरपाई भी करनी होगी।

दालमंडी चौड़ीकरण को वाराणसी की यातायात व्यवस्था सुधारने और काशी विश्वनाथ मंदिर मार्ग को बेहतर तरीके से जोड़ने के उद्देश्य से किया जा रहा है। यह परियोजना लंबे समय से चर्चा में रही है और इसके क्रियान्वयन के बाद शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में यातायात दबाव को काफी हद तक कम करने की उम्मीद की जा रही है. बारिश समाप्त होने के बाद इस काम की शुरुआत कर दी जाएगी और इसके बाद दालमंडी का स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा।

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