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वाराणसी: जर्जर मकान गिरा, परिवार के निकलने के 5 मिनट बाद हुआ हादसा, टली बड़ी दुर्घटना

वाराणसी: जर्जर मकान गिरा, परिवार के निकलने के 5 मिनट बाद हुआ हादसा, टली बड़ी दुर्घटना

वाराणसी के रानी फाटक इलाके में एक जर्जर मकान ढह गया, लेकिन मकान में रहने वाले परिवार के सदस्य 5 मिनट पहले ही बाहर चले गए थे, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई और कोई भी घायल नहीं हुआ।

वाराणसी: रानी फाटक क्षेत्र में शनिवार की शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक पुराना जर्जर मकान अचानक भरभरा कर ढह गया। यह हादसा उस समय हुआ जब मकान में रहने वाला परिवार महज पांच मिनट पहले ही किसी जरूरी काम से बाहर गया था। गनीमत यह रही कि मकान गिरने के समय घर में कोई मौजूद नहीं था। इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, जिससे चार लोगों का जीवन बाल-बाल बच गया।

यह मकान वर्षों पुराना बताया जा रहा है, जिसकी स्थिति लंबे समय से जर्जर थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, मकान की दीवारों में दरारें पहले से थीं और बारिश के कारण वह और कमजोर हो गया था। घटना के समय क्षेत्र में बिजली भी गुल थी, जिससे संभवत: शॉर्ट सर्किट या अन्य दुर्घटनाओं की आशंका नहीं बनी और एक बड़ी त्रासदी टल गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही परिवार के सदस्य घर से बाहर निकले, कुछ ही मिनटों के भीतर तेज आवाज के साथ मकान भरभरा कर नीचे गिर गया। आसपास के लोग इस आवाज से सहम गए और तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़े। स्थानीय नागरिकों और पड़ोसियों ने तुरंत राहत कार्य में मदद की और यह सुनिश्चित किया कि मलबे में कोई फंसा तो नहीं है। बाद में पुलिस और नगर निगम की टीम भी मौके पर पहुंची और सुरक्षा के लिहाज से आस-पास के मकानों की स्थिति का जायजा लिया।

रानी फाटक जैसे घनी आबादी वाले इलाके में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ती चिंता का विषय बन चुकी हैं। वाराणसी में कई पुराने मकान अब भी आबादी के बीच स्थित हैं जो किसी भी वक्त जानलेवा साबित हो सकते हैं। नगर निगम द्वारा जारी किए गए कई नोटिसों के बावजूद जर्जर मकानों को खाली कराने और ध्वस्त करने की प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है। स्थानीय लोगों ने इस घटना के बाद नगर प्रशासन से मांग की है कि वह ऐसे मकानों की सूची तैयार कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर ध्वस्त करे और निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।

यह हादसा सिर्फ एक संयोग से बड़ा संकट बनने से बच गया, लेकिन यह शहर की पुरानी इमारतों की स्थिति और प्रशासनिक उदासीनता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यदि परिवार उस समय घर में मौजूद होता या बिजली चालू होती, तो यह घटना एक बड़ा हादसा बन सकती थी। फिलहाल, प्रशासन ने मौके पर राहत कार्य पूरा कर लिया है और क्षेत्र को सुरक्षित घोषित कर दिया गया है। वहीं परिवार को अस्थायी रूप से पास के ही एक रिश्तेदार के घर में शरण दी गई है।

यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि शहरी क्षेत्रों में पुराने मकानों की समय रहते निगरानी और मरम्मत या ध्वस्तीकरण बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में किसी अनहोनी से बचा जा सके।

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