News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी: 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालय होंगे विलय, बच्चों को नजदीकी स्कूल में मिलेगा दाखिला

वाराणसी: 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालय होंगे विलय, बच्चों को नजदीकी स्कूल में मिलेगा दाखिला

वाराणसी में 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों को पेयरिंग योजना के तहत विलय किया जाएगा, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा और संसाधनों का लाभ मिल सके।

वाराणसी: जिले के शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रशासन ने 50 से कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों को नजदीक के अधिक छात्रों वाले विद्यालयों के साथ पेयर करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना, संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना और छात्रों को एक शिक्षाप्रद माहौल में अध्ययन की सुविधा प्रदान करना है।

शासन के निर्देशानुसार, वाराणसी जिले में कुल 77 ऐसे प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय चिह्नित किए गए हैं, जहां छात्रों की संख्या 50 से कम है। इन विद्यालयों को समीपवर्ती स्कूलों से जोड़ा जा रहा है, ताकि कम संख्या वाले विद्यालयों के बच्चों को अधिक नामांकन वाले विद्यालयों में स्थानांतरित किया जा सके। यह स्थानांतरण उसी ग्राम सभा के भीतर किया जा रहा है, जिससे छात्रों और उनके अभिभावकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

शिक्षा विभाग का मानना है कि इस निर्णय से एक ओर जहां शैक्षिक संसाधनों का समुचित उपयोग संभव होगा, वहीं दूसरी ओर छात्रों को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और समावेशी वातावरण में अध्ययन का अवसर भी मिलेगा। स्थानांतरण की प्रक्रिया के अंतर्गत बच्चों को ऐसे स्कूलों में दाखिला दिया जा रहा है जो 500 मीटर से लेकर अधिकतम एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।

प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक कुल 31 विद्यालयों के छात्रों का सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया जा चुका है। इस प्रक्रिया में खंड शिक्षा अधिकारियों की अहम भूमिका सुनिश्चित की गई है, जिन्हें शेष विद्यालयों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शेष विद्यालयों से संबंधित जानकारी प्राप्त होते ही शेष छात्रों के स्थानांतरण की प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी कर ली जाएगी।

बच्चों की सुविधा और उनकी शिक्षा में कोई रुकावट न आए, इसके लिए प्रशासन एक विशेष योजना भी तैयार कर रहा है। स्थानांतरित छात्रों को विद्यालय तक आने-जाने में किसी तरह की कठिनाई न हो, इसके लिए उन्हें साइकिलें उपलब्ध कराए जाने की योजना है। शिक्षा विभाग का मानना है कि यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई की सार्थकता बनाए रखने में सहायक होगी।

इस पूरी योजना का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जिले के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, और किसी भी संसाधन की कमी अथवा विद्यालय की दूरी उसकी पढ़ाई में बाधा न बने। शासन और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से यह पहल न सिर्फ स्कूलों की कार्यक्षमता बढ़ाएगी, बल्कि छात्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
News Report Youtube Channel

LATEST NEWS