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वाराणसी: काल भैरव मंदिर में दर्शन के नाम पर धन उगाही का नेटवर्क बेनकाब, 10 युवक हुए गिरफ्तार

वाराणसी: काल भैरव मंदिर में दर्शन के नाम पर  धन उगाही का नेटवर्क बेनकाब, 10 युवक हुए गिरफ्तार

कोतवाली पुलिस ने काल भैरव मंदिर परिसर में अवैध दर्शन दलाली का भंडाफोड़ कर 10 युवकों को हिरासत में लिया।

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर में हाल ही में हुई कार्रवाई के बाद अब काशी कोतवाल बाबा काल भैरव मंदिर में सक्रिय ‘ दर्शन के नाम पर धन उगाही’ के नेटवर्क का बड़ा खुलासा हुआ है। रविवार को कोतवाली पुलिस ने मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में छापेमारी कर 10 युवकों को हिरासत में लिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ये लोग श्रद्धालुओं से 500 से 1100 रुपये लेकर गर्भगृह के पास से विशेष दर्शन कराने का काम करते थे। इनका यह अवैध सिस्टम लंबे समय से सक्रिय था। लगातार मिल रही शिकायतों व निगरानी के बाद पुलिस ने आखिरकार कार्रवाई को अंजाम दिया, और शुरुआती जांच से पता चला कि यह नेटवर्क काफी मजबूत था और वर्षों से चलता आ रहा था।

हिरासत में लिए गए युवकों को जब पुलिस कोतवाली लेकर पहुंची, तो कुछ ही देर में मंदिर से जुड़े सात–आठ लोग वहां पहुंच गए। यह लोग पकड़े गए युवकों की पैरवी करने लगे और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश भी की।

शाम 4:57 बजे तक ये लोग थाने में बैठे रहे। लेकिन जब पुलिस ने साफ कहा कि सभी के खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी और पूरे मामले की जांच अब विस्तारित दायरे में की जाएगी, तो माहौल गर्मा गया। इसी बीच पैरवी करने आए एक व्यक्ति ने इंस्पेक्टर कार्यालय में भड़ककर कहा, कि “जा 151 में सबकर चालान कर दा… चला हो सब लोग इहां से!”

पुलिस के अनुसार, इस व्यवहार ने वातावरण को और तनावपूर्ण बना दिया, मगर अधिकारी बिना दबाव के अपनी प्रक्रिया में जुटे रहे। करीब 6 बजे के बाद पुलिस ने सभी 10 युवकों के खिलाफ धारा 170, 126 और 135 के तहत चालान कर दिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सोनू कनौजिया (19) निवासी राजमंदिर (गायघाट)। रुद्र उर्फ विवेक (21)निवासी सिगरा। संतोष कुमार (18) निवासी बिरहा, समस्तीपुर, थाना रोशरा, बिहार। साहिल मिश्रा (18) निवासी रामघाट। रंजीत (36)निवासी दशाश्वमेध। अभिषेक यादव (32) निवासी बुलानाला। विपिन शर्मा (18)निवासी तेलियाना हनुमान फाटक। रोशन ठाकुर (19)निवासी त्रिपुरा भैरवी, दशाश्वमेध। हर्ष सिंह (35)निवासी ग्राम भड़वरा पाल बस्ती, लोहता, चंद्रलेगी नाथ (35) निवासी मुगलसराय, इन सभी को संबंधित धाराओं में चालान किया जा चुका है।

जांच अब इस दिशा में बढ़ रही है कि इस अवैध सिस्टम में किस स्तर पर कौन लोग जुड़े थे और इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं। प्रशासन इसे आस्था से जुड़ा विशेष संवेदनशील मामला मानकर विस्तृत जांच में जुट गया है।

जिन अनियमितताओं की चर्चा श्रद्धालु वर्षों से दबे स्वर में करते थे, वे अब खुलकर सामने आने लगी हैं। यह भी जांच का विषय है कि पकड़े गए युवकों के अलावा कौन–कौन लोग इस नेटवर्क के संचालन में शामिल थे, और क्या मंदिर के भीतर या आसपास कोई प्रभावशाली संरक्षण इस व्यवस्था को लंबे समय से जारी रखे हुए था।

अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इस अवैध दर्शन प्रणाली की जड़ें और गहरी हैं? क्या इससे जुड़े अन्य लोग सामने आएंगे? और क्या प्रशासन अब इस व्यवस्था को स्थायी रूप से खत्म कर पाएगा? वाराणसी पुलिस ने संकेत दिया है कि यह कार्रवाई सिर्फ शुरुआत है और जांच का दायरा आगे और बढ़ाया जाएगा।

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