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पुलिस-अधिवक्ता झड़प मामला : घायल दरोगा के परिजन कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर

वाराणसी कचहरी में पुलिस-अधिवक्ता हिंसक झड़प के बाद घायल दरोगा के परिजनों ने पुलिस आयुक्त कार्यालय पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिया।

वाराणसी में बीते मंगलवार को कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद विवाद और गहराता जा रहा है। इस घटना में दरोगा मिथिलेश प्रजापति और पुलिसकर्मी राणा प्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना के बाद से पुलिस महकमे में नाराजगी है और अब मामले ने नया मोड़ ले लिया है।

गुरुवार की सुबह दरोगा मिथिलेश प्रजापति के परिजन कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। परिवारजन का कहना है कि घटना बेहद नृशंस है और इसके जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कचहरी परिसर में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी लगातार असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और इस तरह के हमले उनके मनोबल को तोड़ने का काम कर रहे हैं।

धरने में मौजूद दरोगा मिथिलेश के भाई ने कहा कि उन्हें बताया जाए कि आखिर वर्दी कैसे सुरक्षित रहेगी। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को अक्सर कचहरी आना पड़ता है और अगर इस तरह की वारदातें होती रहीं तो उनकी सुरक्षा की गारंटी कौन देगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर आज उनके भाई पर हमला हुआ है तो कल किसी और पुलिसकर्मी पर भी ऐसा हमला हो सकता है।

इस घटना के बाद अधिवक्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच टकराव और गहराने की आशंका जताई जा रही है। वहीं प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि वह दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे। परिजनों का कहना है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं होती, उनका धरना जारी रहेगा।

फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को समझाने की कोशिश की है और आश्वासन दिया है कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है। लेकिन घटना ने न केवल पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है बल्कि कचहरी परिसर की कानून व्यवस्था को लेकर भी गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है।

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