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वाराणसी: मिड-डे मील गड़बड़ी में प्रधानाचार्य निलंबित, जांच समिति की सिफारिश पर हुई कार्रवाई

वाराणसी: मिड-डे मील गड़बड़ी में प्रधानाचार्य निलंबित, जांच समिति की सिफारिश पर हुई कार्रवाई

वाराणसी के कंपोजिट विद्यालय महेशपुर की प्रधानाचार्य मिड-डे मील में गड़बड़ी व दुर्व्यवहार के आरोप में निलंबित की गईं।

वाराणसी: काशी विद्यापीठ शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कंपोजिट विद्यालय महेशपुर की प्रधानाचार्य शैल कुमारी को मिड-डे मील में गड़बड़ी, शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार और स्कूल प्रशासन में व्यापक अनियमितताओं के आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई दो सदस्यीय जांच समिति की सिफारिशों के आधार पर की गई, जिसमें शैल कुमारी को प्रथम दृष्टया दोषी ठहराया गया। निलंबन की अवधि में उन्हें काशी विद्यापीठ ब्लॉक संसाधन केंद्र से संबद्ध किया गया है।

शिकायतें लंबे समय से सामने आ रही थीं, जिसमें विद्यालय की शिक्षिकाओं और अभिभावकों ने गंभीर आरोप लगाए थे। इनमें मिड-डे मील में छात्रों की उपस्थिति बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना, खाने की गुणवत्ता में लापरवाही, नियमित शिक्षण कार्य न करना, और यहां तक कि विद्यालय की संपत्ति जैसे साइकिल, ट्री गार्ड और हैंडपंप पाइप को गायब करना शामिल हैं। इन सभी आरोपों की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी, नगर क्षेत्र एवं बड़ागांव की संयुक्त समिति द्वारा 10 मई को विद्यालय का निरीक्षण किया गया था।

निरीक्षण के दौरान मिड-डे मील रजिस्टर में दर्ज उपस्थिति और कक्षा में मौजूद छात्रों की वास्तविक संख्या में बड़ा अंतर पाया गया। रजिस्टर में प्राथमिक स्तर पर 68 और उच्च प्राथमिक स्तर पर 73 छात्रों की उपस्थिति अधिक दर्ज की गई थी। इससे उस दिन के कंवर्जन कॉस्ट में 1,099 रुपये का अनियमित भुगतान और 17 किलोग्राम खाद्यान्न का गलत उपयोग किया गया। इसके अतिरिक्त, विद्यालय में कुल 342 छात्र पंजीकृत हैं, फिर भी केवल 12 किलो चावल और उस अनुपात में ही सब्जियां पकाई गईं, जो नियमानुसार मात्रा से काफी कम थी।

जांच समिति ने स्कूल परिसर से 20-25 ट्री गार्ड, सात साइकिलें और एक हैंडपंप के पाइप के भी गायब होने की पुष्टि की। इन सब के साथ प्रशासनिक स्तर पर भी गंभीर उल्लंघन सामने आया। समिति ने पाया कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक का प्रभार वरिष्ठता क्रम में छठवें स्थान पर आने वाली शैल कुमारी को दिया गया था, जबकि दो वरिष्ठ शिक्षिकाओं द्वारा इंकार किए जाने के बाद तीसरे क्रम पर आने वाली शिक्षिका शीला यादव इस पद के लिए सहमत थीं। बावजूद इसके, शैल कुमारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करते हुए उन्हें प्रभार नहीं सौंपा।

जांच रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि शैल कुमारी का कार्यप्रणाली और व्यवहार, शिक्षक आचरण नियमावली तथा कर्मचारी आचरण संहिता के विरुद्ध है। समिति ने उनकी भूमिका को प्रथम दृष्टया संदिग्ध और दोषपूर्ण पाया, जिस पर उच्चाधिकारियों ने त्वरित संज्ञान लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। आगामी विभागीय कार्रवाई के लिए खंड शिक्षा अधिकारी हरहुआ को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो अब शैल कुमारी के विरुद्ध विस्तृत जांच की निगरानी करेंगे।

यह कार्रवाई शिक्षा विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक सख्त संदेश के रूप में देखी जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि छात्रों के हित और सरकारी योजनाओं के सही क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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