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वाराणसी: जिला जेल में बंदी की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

वाराणसी: जिला जेल में बंदी की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

वाराणसी जिला जेल में दुष्कर्म के आरोप में बंद आशुतोष सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।

वाराणसी: जिला जेल में दुष्कर्म और पॉक्सो के मामले में पिछले तीन वर्षों से निरुद्ध बंदी आशुतोष सिंह उर्फ मोहित (26) की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पहड़िया निवासी मोहित को सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद मंडलीय अस्पताल, कबीरचौरा में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जेल प्रशासन ने बंदी की मौत को प्रारंभिक तौर पर हार्टअटैक का मामला बताया है, जबकि परिजन इसे प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम मान रहे हैं।

मोहित की मौत की सूचना मिलते ही परिवार के लोग बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंचे और आक्रोश जताते हुए अस्पताल परिसर के बाहर मुख्य सड़क पर धरने पर बैठ गए। लगभग 20 मिनट तक चले इस विरोध प्रदर्शन के कारण आवागमन बाधित रहा। परिजनों का आरोप है कि मोहित की तबीयत पहले से खराब थी, लेकिन जेल प्रशासन ने समय पर उसका इलाज नहीं कराया। मोहित की मां और अन्य स्वजन ने मांग की कि मौत की न्यायिक जांच कराई जाए और दोषी जेलकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत कराने का प्रयास किया। समझाने-बुझाने के बाद परिजन सड़क से हटे, लेकिन दोपहर 2.25 बजे तक वे अस्पताल की मॉर्च्यूरी के बाहर जुटे रहे और निष्पक्ष जांच की मांग पर अड़े रहे।

जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि “बंदी की तबीयत सुबह बैरक में टहलते वक्त अचानक बिगड़ी। उसे सीने में तेज दर्द हुआ, जिसके बाद तत्काल जेल अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिया गया और फिर मंडलीय अस्पताल रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।” उन्होंने बताया कि बंदी की मौत की वजह स्पष्ट करने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक कारण पता चल सकेगा।

बता दें कि मोहित को 2021 में लालपुर-पांडेयपुर थाने की पुलिस ने दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। वह तभी से जेल में बंद था। परिवार का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों से मोहित की तबीयत लगातार खराब थी और कई बार जेल प्रशासन को इसकी सूचना दी गई थी, लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई।

इस घटना ने एक बार फिर जेलों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि जेल में बंदियों के इलाज की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और ऐसे मामलों में जवाबदेही तय हो।

फिलहाल, पुलिस और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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