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वाराणसी: रजिस्ट्री ऑफिस में पूर्व विधायक-वकील भिड़े, जानलेवा हमले का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

वाराणसी: रजिस्ट्री ऑफिस में पूर्व विधायक-वकील भिड़े, जानलेवा हमले का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

वाराणसी के रजिस्ट्री ऑफिस में पूर्व विधायक और वकीलों के बीच हुई मारपीट में पूर्व विधायक ने रंगदारी व जानलेवा हमले का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है.

वाराणसी: कलेक्ट्रेट स्थित रजिस्ट्री ऑफिस में 14 अगस्त को हुए बवाल ने अब गंभीर रूप ले लिया है। भदोही के पूर्व विधायक रवींद्र नाथ त्रिपाठी और अधिवक्ता पक्ष से आए आरोप-प्रत्यारोपों के बीच कैंट पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना के बाद से ही रजिस्ट्री कार्यालय का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है और पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने की प्रक्रिया भी तेज कर दी है।

पूर्व विधायक रवींद्र नाथ त्रिपाठी ने कैंट थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि वह मकान और फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए कचहरी आए थे। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अधिवक्ता ऋषिकांत सिंह और एजाज अपने साथियों के साथ वहां पहुंचे और उनसे पांच लाख रुपये की रंगदारी की मांग की। विरोध करने पर मामला कहासुनी से बढ़कर मारपीट में बदल गया। त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि हमलावरों ने उनके ऊपर जानलेवा हमला किया, जिससे उनका एक दांत टूट गया और शरीर के कई हिस्सों पर चोट आई।

पूर्व विधायक का कहना है कि हमलावर उनके पास मौजूद एक लाख रुपये नकद और सोने की चेन भी जबरन छीन ले गए। इस दौरान उनका गनर बीच-बचाव करने आया तो उसे भी धक्का देकर गिरा दिया गया। त्रिपाठी ने दावा किया कि पूरी घटना रजिस्ट्री कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है। इसी आधार पर उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनकी तहरीर पर पुलिस ने एजाज, ऋषिकांत सिंह और 10–12 अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

हालांकि, घटना का दूसरा पक्ष भी सामने आया है। अधिवक्ता ऋषिकांत सिंह ने कैंट थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि पूर्व विधायक ने ही उन पर हमला किया। उनका कहना है कि वह दोपहर करीब तीन बजे रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे थे, जहां पहले से मौजूद पूर्व विधायक और उनके गनर ने उनसे धक्का-मुक्की की। जब उन्होंने विरोध जताया तो विधायक ने उन्हें थप्पड़ मार दिया और बाद में लात-घूंसों से पीटा। ऋषिकांत का आरोप है कि विधायक के गनर ने भी उनके साथ हाथापाई की और जाते-जाते उनका मोबाइल फोन छीनकर तोड़ दिया।

वकील का यह भी आरोप है कि पूर्व विधायक ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि वह "योगी का खास आदमी"हैं और जान से मारकर गंगा में फेंक देने की धमकी दी। इस घटना से अधिवक्ता पक्ष आक्रोशित है और उन्होंने सुरक्षा की मांग की है।

घटना के तुरंत बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी, लेकिन उस समय दोनों पक्ष वहां से निकल गए थे। अब पुलिस दोनों पक्षों की तहरीर दर्ज कर मामले की तहकीकात में जुट गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है, जिससे वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

इस घटना ने कचहरी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर पूर्व विधायक ने खुद पर हमले और लूटपाट का आरोप लगाया है, तो दूसरी ओर अधिवक्ता ने विधायक पर मारपीट और धमकी देने का मामला दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस दोनों पक्षों के बयानों और सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी।

अब देखने वाली बात ये है, कि जांच में किस पक्ष के आरोप सही साबित होते हैं और क्या सीसीटीवी फुटेज इस विवाद को सुलझाने में निर्णायक भूमिका निभा पाएगा।

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