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वाराणसी: रिक्शा चालकों ने अजय राय को सुनाई पीड़ा, पुलिस ज्यादती के खिलाफ लड़ाई का मिला भरोसा

वाराणसी: रिक्शा चालकों ने अजय राय को सुनाई पीड़ा, पुलिस ज्यादती के खिलाफ लड़ाई का मिला भरोसा

वाराणसी में रिक्शा चालकों ने पुलिस ज्यादती के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय से मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई, उन्हें न्याय का आश्वासन मिला।

वाराणसी: भारत की सांस्कृतिक नगरी और सकरी गलियों, भीड़भाड़ वाली सड़कों पर रोज़ाना हजारों रिक्शे खींचने वाले मेहनतकश चालकों की आवाज़ गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के घर तक पहुँची। दिन-रात की कठिन मेहनत से परिवार का पेट पालने वाले इन रिक्शा चालकों ने अपनी समस्याओं और पुलिसिया ज्यादती की पीड़ा लेकर लहुराबीर स्थित अजय राय के आवासीय कार्यालय का रुख किया।

प्रदेश अध्यक्ष अजय राय उस समय लखनऊ में संगठनात्मक कार्यों में व्यस्त थे। लेकिन जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली कि बड़ी संख्या में रिक्शा चालक अपनी समस्याओं के साथ उनके आवास पर पहुँचे हैं, उन्होंने तुरंत महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे को मौके पर भेजा। वहीं से वीडियो कॉल के माध्यम से अजय राय ने पीड़ित चालकों से बातचीत कर उन्हें न्याय और संघर्ष का भरोसा दिलाया।

रिक्शा चालकों ने भावुक होकर अपने दुख साझा किए। उनका कहना था कि मैदागिन से गोदौलिया तक की सड़कों पर रिक्शा चलाकर वे अपने परिवार का गुजर-बसर करते हैं, लेकिन पुलिस की मनमानी ने उनकी कमर तोड़ दी है। चालकों ने आरोप लगाया कि उन्हें आए दिन डंडों से पीटा जाता है, गालियाँ देकर भगाया जाता है और कभी-कभी टायर की हवा निकाल दी जाती है। इतना ही नहीं, कई बार उनके रिक्शों को तोड़ दिया जाता है और रोज़ की मामूली कमाई से जबरन वसूली की जाती है। एक चालक ने गुस्से और आंसुओं से भरी आवाज़ में कहा, हम अपराधी नहीं हैं, पेट पालने के लिए रिक्शा चलाते हैं। लेकिन पुलिस हमें ऐसे तंग करती है जैसे हम कोई गुनहगार हों। यही हाल रहा तो हमारे बच्चों को भूखा मरना पड़ेगा।

वीडियो कॉल पर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने चालकों को संबोधित करते हुए कहा कि काशी की धरती पर कोई भी गरीब अन्याय का शिकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वाराणसी का हर रिक्शा चालक उनका भाई है और कांग्रेस उनकी लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी। अजय राय ने आरोप लगाया कि योगी-मोदी सरकार ने गरीबों की सुरक्षा के बजाय उन्हें पुलिसिया उत्पीड़न के हवाले कर दिया है।गरीब रिक्शा वाला सुबह से रात तक सिर्फ दो वक्त की रोटी के लिए पसीना बहाता है, लेकिन सरकार उसकी थाली से निवाला छीनने पर तुली है। यह अत्याचार अब बर्दाश्त नहीं होगा। यदि सरकार ने अन्याय पर रोक नहीं लगाई तो कांग्रेस सड़कों से लेकर विधानमंडल तक संघर्ष करेगी।

महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने भी मौके पर मौजूद रहकर रिक्शा चालकों की समस्याएँ सुनीं। उन्होंने कहा कि रिक्शा चालक समाज सबसे मेहनतकश वर्ग है, जो सूरज निकलने से पहले काम शुरू करता है और देर रात तक परिवार की रोज़ी-रोटी के लिए संघर्ष करता है। चौबे ने कहा, दुख की बात है कि मोदी-योगी सरकार ने इन गरीबों को सुरक्षा और सहूलियत देने के बजाय पुलिसिया जुल्म और जबरन वसूली की सौगात दी है। अब यह अन्याय और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।उन्होंने घोषणा की कि कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही पुलिस आयुक्त वाराणसी से मुलाकात कर इस मसले को उठाएगा।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यदि रिक्शा चालकों पर अत्याचार जारी रहा तो वे व्यापक जनांदोलन खड़ा करेंगे। पार्टी का साफ कहना है कि गरीब की आह किसी भी सरकार को चैन से नहीं बैठने देती, और अब यह सरकार भी उसके परिणाम भुगतेगी।

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