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वाराणसी: छात्रा की फोटो से अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल, FIR दर्ज

वाराणसी: छात्रा की फोटो से अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया वायरल, FIR दर्ज

वाराणसी में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की एक छात्रा ने IT एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें इंस्टाग्राम पर फर्जी अकाउंट बनाकर अश्लील वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगाया है, जिससे वह मानसिक तनाव में है।

वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की एक छात्रा ने चौक थाना, वाराणसी में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT एक्ट) के तहत गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। छात्रा का कहना है कि पिछले एक साल से इंस्टाग्राम पर दो फर्जी अकाउंट बनाकर उसकी तस्वीरों और अब एडिट किए गए अश्लील वीडियो को पोस्ट किया जा रहा है, जिससे वह मानसिक तनाव और सामाजिक शर्मिंदगी से गुजर रही है।

तहरीर के मुताबिक, यह साइबर उत्पीड़न अगस्त 2024 से चल रहा है। प्रारंभ में इन फर्जी इंस्टाग्राम आईडी पर केवल छात्रा की सामान्य तस्वीरें डाली जा रही थीं, लेकिन अब स्थिति गंभीर हो गई है। इन अकाउंट्स से अश्लीलता से भरे हुए वीडियो जो उसकी असली छवि को बदनाम करने के उद्देश्य से एडिट किए गए हैं, लगातार अपलोड किए जा रहे हैं।

छात्रा ने बताया कि इस मामले की शिकायत उसने 6 अगस्त 2024 को साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1903 पर भी दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। आखिरकार, उसने मानसिक प्रताड़ना और पारिवारिक असहजता से मजबूर होकर चौक थाने में व्यक्तिगत रूप से तहरीर दी और कानूनी सहायता की मांग की।

पीड़िता ने कहा, “मैं वर्तमान में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से स्नातक की पढ़ाई कर रही हूं। पिछले एक साल से लगातार मेरे नाम, फोटो और पहचान का दुरुपयोग किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर चल रही इन पोस्ट्स से न केवल मेरी छवि खराब हुई है, बल्कि मेरा परिवार भी मानसिक ट्रॉमा से गुजर रहा है। मेरी मांग है कि इन फर्जी आईडी को तत्काल बंद किया जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।”

चौक थाना प्रभारी विमल मिश्रा ने जानकारी दी कि छात्रा की शिकायत पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य, स्क्रीनशॉट व मोबाइल डेटा जब्त कर जांच को आगे बढ़ाया है।

थाना प्रभारी ने कहा, “यह मामला संवेदनशील है। हम इंस्टाग्राम की सहायता से फर्जी आईडी की लोकेशन और ऑपरेटर की पहचान में लगे हुए हैं। बहुत जल्द अपराधी को गिरफ्तार किया जाएगा और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

यह घटना एक बार फिर इस ओर इशारा करती है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर निजता भंग करना कितना आसान और खतरनाक हो गया है। साथ ही यह भी स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया पर की गई हरकतें केवल वर्चुअल नहीं, बल्कि किसी की वास्तविक जिंदगी को गहरे ज़ख्म दे सकती हैं।

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