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वाराणसी : गंगा स्नान के दौरान दर्दनाक हादसा, दर्शन को आए किशोर की डूबने से मौत, 2 घंटे बाद मिला शव

वाराणसी : गंगा स्नान के दौरान दर्दनाक हादसा, दर्शन को आए किशोर की डूबने से मौत, 2 घंटे बाद मिला शव

जौनपुर का 17 वर्षीय हर्ष यादव अपने दोस्तों के साथ वाराणसी के मार्कंडेय महादेव मंदिर में दर्शन करने आया था, गंगा में नहाते समय पैर फिसलने से गहरे गड्ढे में डूब गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

वाराणसी : आध्यात्मिक नगरी काशी में बुधवार को एक श्रद्धालु किशोर के साथ ऐसा हादसा हुआ, जिसने घाट पर मौजूद हर व्यक्ति की रूह को झकझोर दिया। चंदवक थाना क्षेत्र के बरैछाबीर गांव, जनपद जौनपुर निवासी 17 वर्षीय हर्ष यादव उर्फ नितिन, अपने दोस्तों के साथ मार्कंडेय महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए वाराणसी आया था। बनारस की यात्रा की उमंग लिए हर्ष ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि यह उसका आखिरी सफर होगा।

हर्ष बुधवार की दोपहर अपने गांव के दोस्तों अजय यादव और प्रिंस यादव के साथ कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव मंदिर पहुंचा। मंदिर में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने के बाद तीनों गंगा स्नान के लिए पास के घाट पर उतर गए। वातावरण पूरी तरह श्रद्धा में डूबा था। सूर्य की किरणें गंगा की लहरों से टकरा रही थीं और घाट पर रौनक थी। हर्ष भी अपने दोस्तों के साथ आनंद से स्नान कर रहा था, तभी अचानक एक पल ने सबकुछ बदल दिया। स्नान करते हुए हर्ष का पैर घाट के भीतर बने गहरे गड्ढे में फिसल गया। वह अचानक डूबने लगा और घबराहट में तैर भी नहीं सका। दोस्तों ने पहले उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन जब देखा कि हालात बिगड़ते जा रहे हैं, तो शोर मचाकर लोगों को बुलाया। घाट पर मौजूद स्थानीय मल्लाह तुरंत हरकत में आए और अपनी नावें लेकर मौके पर पहुंचे। साथ ही पुलिस को भी सूचित किया गया।

कुछ ही समय बाद मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष रविकांत मलिक ने स्थानीय गोताखोरों की मदद से सघन तलाश शुरू करवाई। घाट पर मौजूद लोगों की नजरें बस नदी की लहरों पर टिकी थीं, सबकी दुआएं एक ही बात कह रही थीं बस बच्चा मिल जाए। लेकिन दो घंटे की लगातार तलाश के बाद जब हर्ष का शरीर गंगा से बाहर निकाला गया, तो घाट पर सन्नाटा पसर गया। हर्ष को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरपतपुर भेजा गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर सुनते ही उसके साथ आए दोस्त बेसुध हो गए। अस्पताल परिसर में उनका रो-रोकर बुरा हाल था। वे बार-बार यही कह रहे थे कि "हमें क्या पता था, हर्ष हमें यूं छोड़ जाएगा"।

थानाध्यक्ष रविकांत मलिक ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाया गया है और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों को सूचित कर दिया गया है और वे वाराणसी के लिए रवाना हो चुके हैं।

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