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वाराणसी: ललिता घाट पर गंगा में फंसी 20 पर्यटकों की नाव, एनडीआरएफ की तत्परता से टली बड़ी दुर्घटना

वाराणसी: ललिता घाट पर गंगा में फंसी 20 पर्यटकों की नाव, एनडीआरएफ की तत्परता से टली बड़ी दुर्घटना

वाराणसी के ललिता घाट पर गंगा की तेज धारा में 20 पर्यटकों से भरी नाव फंसी, एनडीआरएफ की तत्परता से सभी सुरक्षित निकाले गए और बड़ा हादसा टल गया।

वाराणसी: आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में बुधवार दोपहर ललिता घाट के सामने गंगा नदी में एक बड़ा हादसा टल गया। दरअसल, गंगा की तेज धारा में एक नाव अचानक फंस गई, जिसमें करीब 20 पर्यटक सवार थे। नाव के बीच धारा में अनियंत्रित होकर रुक जाने से सवार यात्रियों में अफरातफरी मच गई और कुछ ही पलों में माहौल दहशत भरा हो गया। हालांकि, मौके पर मौजूद एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम ने अपनी मुस्तैदी और त्वरित कार्रवाई से सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना दोपहर करीब 1 बजे की है, जब 20 सैलानी नाव से गंगा की सैर कर रहे थे। ये सभी पर्यटक देश के अलग-अलग राज्यों से वाराणसी भ्रमण पर आए थे। गंगा के शांत जल में सैर करते हुए वे आनंद ले ही रहे थे कि अचानक मौसम ने करवट ली और तेज हवा के साथ नदी की धाराएं तीव्र हो गईं। इसी दौरान नाव का संतुलन बिगड़ गया और वह बीच धारा में फंसकर रुक गई। नाविक ने पूरी कोशिश की कि नाव को किनारे तक पहुंचाया जा सके, लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण उसके सारे प्रयास विफल हो गए।

नाव में बैठे यात्री भयभीत होकर मदद के लिए चिल्लाने लगे। कुछ लोगों ने हाथ हिलाकर पास की अन्य नौकाओं और घाट पर मौजूद लोगों से सहायता की गुहार लगाई। इसी बीच, संयोगवश वहां से एनडीआरएफ की गश्ती टीम गुजर रही थी। टीम ने स्थिति की गंभीरता को तुरंत समझा और बिना देर किए राहत अभियान शुरू कर दिया।

एनडीआरएफ के प्रशिक्षित गोताखोरों और बचावकर्मियों ने दो मोटर बोटों की मदद से फंसी हुई नाव तक पहुंचकर यात्रियों को सुरक्षित दूसरी नावों में शिफ्ट किया। करीब कुछ ही मिनटों के भीतर सभी 20 पर्यटकों को सकुशल ललिता घाट पहुंचा दिया गया। एनडीआरएफ की त्वरित प्रतिक्रिया और पेशेवर कार्रवाई के कारण किसी भी तरह की जनहानि या चोट की घटना नहीं हुई।

स्थानीय प्रशासन ने घटना की जानकारी मिलते ही सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए नाव संचालन में सुरक्षा मानकों को और सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, पर्यटकों ने एनडीआरएफ के जवानों की सराहना करते हुए कहा कि अगर टीम समय पर न पहुंचती, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।

गौरतलब है कि गंगा नदी में मौसम परिवर्तन और तेज धाराओं के चलते कई बार नौकाएं असंतुलित हो जाती हैं। प्रशासन ने सभी नाविकों को चेतावनी जारी करते हुए यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और बिना लाइफ जैकेट यात्रा न कराने के निर्देश दिए हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि एनडीआरएफ जैसी एजेंसियां न केवल आपदा प्रबंधन में बल्कि मानवीय जीवन की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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