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वाराणसी: हर दिन 20 एंबुलेंस जाम में फंसतीं, मरीजों को होती भारी परेशानी

वाराणसी: हर दिन 20 एंबुलेंस जाम में फंसतीं, मरीजों को होती भारी परेशानी

वाराणसी में गंभीर यातायात जाम के कारण प्रतिदिन 20 एंबुलेंस फंसती हैं, जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचने में कई घंटे की देरी होती है।

वाराणसी: शहर में यातायात जाम की समस्या गंभीर बनी हुई है। शहर में हर दिन कम से कम 20 एंबुलेंस जाम में फंसती हैं, जिससे मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाने में भारी देरी होती है। आमतौर पर मरीज 20 मिनट में अस्पताल पहुँच सकते हैं, लेकिन जाम के कारण यह समय 90 मिनट तक बढ़ जाता है। शहर की यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन कई उपाय करता रहा है, और पुलिसकर्मी भी मार्ग पर तैनात रहते हैं, लेकिन समस्या का समाधान अब तक संभव नहीं हो पाया है।

शहर में कई ऐसे मार्ग हैं, जिन पर मरीजों को ले जाने वाली एंबुलेंस अक्सर फंसती हैं। इनमें कबीरचौरा से बीएचयू, रामनगर के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल से बीएचयू, बाबतपुर से दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल तथा चौबेपुर, चिरईगांव और नरपतुपर से जिला अस्पताल तक जाने वाले मार्ग शामिल हैं। इन मार्गों पर सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक यातायात सर्वाधिक होता है। इसी कारण हृदय रोगी, गर्भवती महिलाएं और सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल मरीजों को समय पर अस्पताल पहुँचाना मुश्किल हो जाता है।

कबीरचौरा से बीएचयू तक की दूरी केवल सात किलोमीटर है, लेकिन जाम के कारण एंबुलेंस को इस दूरी को तय करने में दो घंटे तक लग जाते हैं। इसी तरह रामनगर से बीएचयू की छह किलोमीटर दूरी तय करने में एक घंटे का समय लगता है। बाबतपुर से हरहुआ होते हुए जिला अस्पताल तक की 20 किलोमीटर की दूरी भी जाम में फंसने के कारण एक घंटे में पूरी होती है। चौबेपुर, चिरईगांव और नरपतुपर से मरीजों को जिला अस्पताल या बीएचयू तक पहुंचाने में भी समय में भारी वृद्धि होती है।

वाराणसी जिले में स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। शहरी क्षेत्र में 24 प्राथमिक और 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्राथमिक और 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। जिला स्तर पर 108 एंबुलेंस 28 तथा 102 एंबुलेंस 38 की संख्या में सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इन संसाधनों के बावजूद जाम के कारण इमरजेंसी में मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, और जीवन संकट में पड़ सकता है।

शहर के विभिन्न मार्गों पर जाम और अतिक्रमण की समस्या को देखते हुए यातायात प्रबंधन में सुधार और सड़क चौड़ीकरण के उपाय तेजी से लागू करने की आवश्यकता है ताकि मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके और जीवन बचाने में प्रशासन की भूमिका और प्रभावी बन सके।

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