News Report
Search Icon
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी: महामना की मूर्ति पर चढ़कर सफाई या अपमान, वाराणसी में वायरल वीडियो ने खड़ा किया बड़ा सवाल

वाराणसी: महामना की मूर्ति पर चढ़कर सफाई या अपमान, वाराणसी में वायरल वीडियो ने खड़ा किया बड़ा सवाल

वाराणसी में बीएचयू के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर एक युवक के चढ़ने का वीडियो वायरल होने से छात्रों में आक्रोश फैल गया, जिसके बाद पुलिस जांच कर रही है।

वाराणसी: काशी के हृदयस्थल कहे जाने वाले लंका क्षेत्र में बुधवार रात सोशल मीडिया पर एक नौ सेकंड का वीडियो सामने आया, जिसने पूरे शहर की आत्मा को झकझोर दिया। वीडियो में देखा गया कि एक युवक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की भव्य प्रतिमा के कंधे पर चढ़ा हुआ है, और उसके ठीक बगल में एक अन्य युवक खड़ा है, मानो यह कोई साधारण दृश्य हो। यह दृश्य न केवल असहज कर देने वाला था, बल्कि मालवीय जी की उस गरिमा के खिलाफ था, जो हर बीएचयू छात्र के दिल में बसी है।

वीडियो जैसे ही इंटरनेट की गलियों में दौड़ा, वैसा ही छात्रों का खून खौल उठा। ट्विटर हो या फेसबुक, इंस्टाग्राम हो या व्हाट्सऐप ग्रुप हर जगह महामना के ‘अपमान’ पर तीखी प्रतिक्रियाएं उमड़ पड़ीं। छात्रों ने इसे सीधे तौर पर मालवीय जी की विरासत और काशी की सांस्कृतिक अस्मिता पर आघात बताया। एक छात्र ने लिखा, “ये महामना ही थे जिन्होंने बीएचयू जैसा संस्थान देश को दिया, आज उसी महामना की प्रतिमा को कोई मज़ाक बनाकर पेश करे, यह बर्दाश्त नहीं।”

हालांकि इस वायरल वीडियो के तुरंत बाद, प्रशासन हरकत में आया। लंका थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्र ने बयान देते हुए स्पष्ट किया कि वीडियो की गहन जांच की जा रही है और वीडियो में दिख रहे दोनों युवकों की पहचान कर जल्द ही उन पर कार्रवाई की जाएगी। लंका क्राइम ब्रांच प्रभारी संतोष पांडेय ने बताया कि इस संवेदनशील मामले की गंभीरता को देखते हुए नगवां, संकट मोचन और बीएचयू चौकी प्रभारियों की विशेष टीम गठित कर दी गई है।

पुलिस के मुताबिक, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वीडियो कब का है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त वैधानिक कदम उठाए जाएं।

उधर, प्रशासन की ओर से गुरुवार को एक स्पष्टीकरण पत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया कि वायरल वीडियो में जो सफाईकर्मी प्रतिमा पर चढ़ा दिख रहा है, वह वीडीए (वाराणसी विकास प्राधिकरण) की ओर से कराए जा रहे नियमित सफाई कार्य में लगा था। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के.के. सिंह ने कहा कि “शहरी मार्गों पर स्थित मूर्तियों की सफाई हमारी नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और महामना की प्रतिमा की धूल हटाने का कार्य ठेकेदार के मजदूरों द्वारा किया जा रहा था। मूर्ति पर चढ़ना कार्य-प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है, और यदि ऐसा हुआ है तो वह गलत है।”

लेकिन सवाल अब केवल इतना नहीं है कि वह व्यक्ति सफाईकर्मी था या कोई उपद्रवी। असल चिंता इस बात की है कि काशी जैसे शहर, जो देश की सांस्कृतिक राजधानी कहलाता है, वहां महामना जैसी विभूति की प्रतिमा के साथ ऐसी हरकत खुलेआम होती रही और आसपास मौजूद किसी भी पुलिसकर्मी, ट्रैफिक अधिकारी या प्रशासनिक स्टाफ की नजर उस पर नहीं पड़ी।

जिस जगह हज़ारों लोग हर वक्त मौजूद रहते हैं, जहां से वीआईपी काफिले गुज़रते हैं, जहां छात्र और साधु-संतों की सतत उपस्थिति होती है, वहां महामना की प्रतिमा की गरिमा को इस तरह से ठेस पहुंचाई जाए। यह केवल एक घटना नहीं, पूरे सिस्टम के प्रति एक सवाल बनकर उभरा है।

क्या हम इतने उदासीन हो चुके हैं कि हमारे महापुरुषों की मूर्तियां केवल फोटो खिंचवाने की पृष्ठभूमि बनकर रह गई हैं? क्या प्रशासन अब भी केवल सफाई या स्पष्टीकरण तक ही सीमित रहेगा?

अब वक्त है कि इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच हो। यह जरूरी है कि दोषी चाहे कोई ठेकेदार हो, कर्मचारी हो या कोई अन्य। उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो। क्योंकि ये सवाल सिर्फ एक प्रतिमा का नहीं, उस पूरे विचार और सम्मान का है, जिसे महामना जैसे व्यक्तित्व ने इस राष्ट्र को सौंपा था।

काशी पूछ रही है अब ये सवाल आखिरकार इसका असली कौन है, जिम्मेदार।

Published By : SANDEEP KR SRIVASTAVA Updated : Thu, 26 Jun 2025 01:10 PM (IST)
FOLLOW WHATSAPP CHANNEL

Tags: varanasi news bhu students mahamana malviya

Category: up news crime news

LATEST NEWS