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उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन पहली बार काशी पहुंचे, नाटकोटक्षेत्रम धर्मशाला का करेंगे उद्घाटन

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन पहली बार काशी पहुंचे, नाटकोटक्षेत्रम धर्मशाला का करेंगे उद्घाटन

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन अपने पदभार के बाद पहली बार काशी पहुंचे, नाटकोटक्षेत्रम धर्मशाला का उद्घाटन करेंगे और बाबा विश्वनाथ के दर्शन भी।

वाराणसी: देश के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन अपने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार काशी पहुंचे हैं। इस विशेष अवसर पर वे सिगरा स्थित नाटकोटक्षेत्रम धर्मशाला का उद्घाटन करेंगे। यह धर्मशाला दक्षिण भारतीय श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से निर्मित की गई है और काशी-तमिल संबंधों की गहरी सांस्कृतिक परंपरा को और मजबूती प्रदान करेगी। उपराष्ट्रपति के स्वागत के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल वाराणसी एयरपोर्ट पर मौजूद रहेंगे।

उपराष्ट्रपति का यह दौरा प्रशासनिक और सुरक्षा दोनों दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनकी सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय अभेद व्यवस्था की गई है। सीआरपीएफ के कमांडो और 2000 से अधिक पुलिसकर्मी एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक तैनात किए गए हैं। शहर के प्रमुख मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन के माध्यम से भी निगरानी की जा रही है। रघुनाथपुर से सिगरा तक पूरा मार्ग साफ-सुथरा किया गया है और सड़कों के किनारे सौंदर्यीकरण का कार्य भी पूरा किया गया है।

शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन पहले श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में पहुंचकर बाबा विश्वनाथ का षोडशोपचार विधि से पूजन-अभिषेक करेंगे। इसके बाद वे सिगरा स्थित श्री काशी नाटकोटक्षेत्रम धर्मशाला के लोकार्पण समारोह में शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में दक्षिण भारत से आए सैकड़ों श्रद्धालु और संत-महात्मा भाग लेंगे। धर्मशाला के लोकार्पण के पश्चात उपराष्ट्रपति पुनः बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होंगे।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ रहेंगे। योगी नोएडा से सीधे वाराणसी पहुंचेंगे और लोकार्पण समारोह के साथ ही बाबा विश्वनाथ मंदिर में भी दर्शन करेंगे। बताया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति लगभग तीन घंटे तक वाराणसी में रहेंगे और इस दौरान काशी के कई प्रमुख धार्मिक स्थलों का अवलोकन करेंगे।

श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम प्रबंधन सोसाइटी द्वारा निर्मित इस भव्य धर्मशाला का निर्माण लगभग 60 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसमें 140 एसी कमरे, सुईट और पार्किंग सहित आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। प्रत्येक कमरे में तीन श्रद्धालु ठहर सकेंगे और उन्हें तीनों समय का निशुल्क भोजन दिया जाएगा। धर्मशाला के निर्माण का उद्देश्य दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालुओं को काशी प्रवास के दौरान सुलभ और सस्ती सुविधा प्रदान करना है।

धर्मशाला के निर्माण की जिम्मेदारी चेन्नई की यूआरसी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई थी, जिसने मात्र डेढ़ वर्ष के भीतर इस भवन को तैयार कर दिया। भवन का शिलान्यास 17 अप्रैल 2024 को हुआ था। 910.5 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैली यह धर्मशाला रथयात्रा क्षेत्र में स्थित है और पूर्वांचल की सबसे बड़ी धर्मशालाओं में से एक है।

श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम सोसाइटी के अध्यक्ष एल नारायणन ने बताया कि इस धर्मशाला का निर्माण एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को साकार करने वाला कदम है। यह भवन काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक संबंधों का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वेश्वर की आज्ञा से दक्षिण भारत में गए अगस्त्य मुनि ने इन दोनों संस्कृतियों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी।

कहा जाता है कि तमिल शैव संत श्री अप्पर स्वामी ने कैलाश यात्रा के दौरान काशी का भ्रमण किया था और अपने ग्रंथों में काशी, गंगा और विश्वनाथ के महात्म्य का वर्णन किया था। आज भी काशी में करीब पचास हजार से अधिक दक्षिण भारतीय परिवार निवास करते हैं जो यहां की परंपराओं में रचे-बसे हैं।

इस अवसर पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए एयरपोर्ट के न्यू टर्मिनल बिल्डिंग में एडवांस लाइजनिंग सिस्टम की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सीआईएसएफ, पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम स्थल से लेकर शहर के प्रमुख मार्गों पर साफ-सफाई, रंगाई-पुताई और विद्युत व्यवस्था दुरुस्त की गई है।

नाटकोटक्षेत्रम धर्मशाला के उद्घाटन से काशी में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। यह भवन आने वाले श्रद्धालुओं को न केवल सुविधा देगा बल्कि काशी और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक एकता का एक और मजबूत सेतु बनेगा।

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