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चुनार ट्रेन हादसे में बड़ा खुलासा, मृत घोषित महिला सुशीला घर पर जीवित मिली

चुनार ट्रेन हादसे में बड़ा खुलासा, मृत घोषित महिला सुशीला घर पर जीवित मिली

चुनार रेलवे स्टेशन हादसे में मृत घोषित की गई महिला सुशीला जीवित पाई गई, जिससे छठे मृतक की पहचान पर सवाल खड़े हो गए हैं।

मिर्जापुर : चुनार रेलवे स्टेशन हादसे में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। जिस महिला को मृत घोषित कर दिया गया था, वह जीवित पाई गई है। सुशीला नाम की यह महिला हादसे के बाद अपने बेटे हरिश्चंद्र के साथ सुरक्षित घर लौट आईं, जिससे अब हादसे में बताए गए छठे मृतक की पहचान को लेकर नया सवाल खड़ा हो गया है।

बुधवार सुबह चुनार स्टेशन पर गोमो पैसेंजर ट्रेन से उतारते समय यह दर्दनाक हादसा हुआ था। बताया गया कि मिर्जापुर के कई ग्रामीण अपने गांव लौट रहे थे। ट्रेन जैसे ही स्टेशन पर रुकी, कुछ लोग जल्दबाजी में गलत तरफ से उतरने लगे। इसी दौरान ट्रेन चल पड़ी और कई यात्री उसकी चपेट में आ गए। मौके पर अफरातफरी मच गई और देखते ही देखते छह लोगों की मौत की पुष्टि की गई थी, जिनमें दो सगी बहनें शिवकुमारी और साधना भी शामिल थीं।

हादसे के बाद जब स्टेशन पर सुशीला दिखाई नहीं दीं, तो उनके साथ सफर कर रही महिलाओं ने यह मान लिया कि वह भी हादसे में मारी गई हैं। राहत कर्मियों ने मौके से शवों को उठाया और मृतकों की सूची में सुशीला का नाम भी दर्ज हो गया। लेकिन बाद में प्रशासन को सूचना मिली कि सुशीला जीवित हैं और अपने बेटे के साथ मिर्जापुर जिले के पड़री थाना क्षेत्र के महुआरी गांव में सुरक्षित पहुंच चुकी हैं।

घर पर मिली सुशीला ने बताया कि ट्रेन चुनार स्टेशन पर रुकते समय उन्होंने उतरने में देर कर दी थी। उन्होंने देखा कि उनके गांव की अन्य महिलाएं ट्रेन के गलत तरफ उतर रही हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा न करने का निर्णय लिया। कुछ ही पलों में ट्रेन फिर चल पड़ी और वह बाल-बाल बच गईं। सुशीला ने कहा कि हादसे की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने अपने बेटे के साथ गांव की ओर रुख किया और घर पहुंचने के बाद ही उन्हें पता चला कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।

सुशीला के जीवित मिलने से अब प्रशासन के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर छठा शव किसका है। पुलिस ने बुधवार रात सभी शवों को चौबे घाट भेजा था, जहां पांच शवों की पहचान कराकर परिजनों को सौंप दिया गया, जबकि एक अज्ञात महिला का शव अब भी मॉर्च्युरी में सुरक्षित रखा गया है। पुलिस टीम उस अज्ञात शव की पहचान के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

यह घटना न केवल हादसे की भयावहता को दर्शाती है, बल्कि राहत और बचाव कार्यों में पहचान की प्रक्रिया की चुनौती को भी उजागर करती है। सुशीला के जीवित लौटने की खबर ने जहां उनके परिवार और गांव में राहत की लहर फैला दी है, वहीं हादसे में मारे गए अन्य परिवारों का दुख अभी भी गहरा बना हुआ है।

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