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गाजीपुर: निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत से तनाव, परिजनों ने की कार्रवाई की मांग

गाजीपुर: निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद महिला की मौत से तनाव, परिजनों ने की कार्रवाई की मांग

गाजीपुर के हरदासपुर खुर्द में निजी अस्पताल में बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद महिला की मौत से क्षेत्र में तनाव, परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क पर शव रखकर धरना दिया।

गाजीपुर: दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के हरदासपुर खुर्द गांव में एक निजी अस्पताल में बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद महिला की मौत होने से पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया. परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने अस्पताल के बाहर सड़क पर शव रखकर कई घंटों तक धरना दिया. इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई.

मृतका की पहचान हरदासपुर खुर्द निवासी नीलम देवी के रूप में हुई है, जिनकी उम्र लगभग पैंतीस वर्ष थी. नीलम को अठारह नवंबर की शाम बच्चेदानी के ऑपरेशन के लिए गांव के पास स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिवार का कहना है कि ऑपरेशन के बाद नीलम की हालत अचानक बिगड़ने लगी. परिजनों ने लगातार डॉक्टर से मदद मांगी लेकिन समय रहते उचित उपचार नहीं दिया गया. उनकी स्थिति गंभीर होने पर उन्हें मऊ के फातिमा अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया गया. हालांकि अस्पताल ले जाते समय ही रास्ते में उनकी मृत्यु हो गई.

नीलम के पति संजय राम ने बताया कि उनकी दो संताने हैं, नम्रता और शुभम, जो अपनी मां की अचानक मौत से सदमे में हैं. संजय का कहना है कि चिकित्सकीय लापरवाही ने उनकी पत्नी की जान ले ली. परिवार और ग्रामीणों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद नीलम की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल की ओर से न तो विशेषज्ञ डॉक्टर बुलाया गया और न ही उन्हें किसी बड़े केंद्र पर समय रहते रेफर किया गया. इससे नीलम की हालत लगातार खराब होती चली गई.

महिला की मौत की खबर फैलते ही सुबह से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण अस्पताल के सामने इकठ्ठा हो गए. आक्रोशित लोगों ने सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया. धरने में करीब ढाई सौ लोग मौजूद थे जिनमें महिलाएं, पुरुष और युवा शामिल थे. ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग की और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई. सड़क पर बैठे लोगों के कारण आसपास का आवागमन भी काफी समय तक बाधित रहा.

घटना की जानकारी मिलते ही थाना अध्यक्ष कमलेश कुमार, जलालाबाद चौकी प्रभारी प्रदीप मिश्रा और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने का प्रयास किया ताकि मृत्यु के कारणों का स्पष्ट पता चल सके. इसके साथ ही अस्पताल में मौजूद एक महिला नर्स से पूछताछ करने की भी कोशिश की गई. लेकिन ग्रामीणों ने इसका कड़ा विरोध किया और पुलिस को कोई कार्रवाई करने नहीं दी. थाना अध्यक्ष कमलेश कुमार के अनुसार अभी तक परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है. ग्रामीण न तो प्राथमिकी दर्ज होने दे रहे हैं और न ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने दे रहे हैं, जिससे मामला और जटिल हो गया है.

अस्पताल की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार के मुआवजे की घोषणा नहीं की गई है. पुलिस लगातार लोगों को समझाने का प्रयास कर रही है लेकिन माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक अस्पताल पर कार्रवाई नहीं होती और परिवार को उचित मुआवजा नहीं दिया जाता, तब तक वे धरना नहीं खत्म करेंगे.

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