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ई-रिक्शा में चालक का नाम मोबाइल नंबर होगा अंकित, महिला आयोग के कड़े निर्देश

ई-रिक्शा में चालक का नाम मोबाइल नंबर होगा अंकित, महिला आयोग के कड़े निर्देश

महिला सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए ई-रिक्शा में चालक का नाम व मोबाइल नंबर लिखना अनिवार्य किया गया है।

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं है। ई-रिक्शा में छेड़छाड़ की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि अब हर ई-रिक्शा में चालक का नाम और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से अंकित होना अनिवार्य होगा। इस संबंध में उन्होंने बृहस्पतिवार को बाराबंकी दौरे के दौरान अधिकारियों के साथ बैठक की और मौजूद एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस मुद्दे को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डॉ. चौहान ने महिला हेल्पलाइन 1090 और 181 की कार्यप्रणाली की समीक्षा कराने का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने सभी थानों में महिला डेस्क को और अधिक सशक्त बनाने पर जोर दिया, ताकि महिलाएं बिना डर और झिझक के अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। उन्होंने कहा कि आयोग का मकसद है कि किसी भी महिला की समस्या अनसुनी न रहे और हर शिकायत का निष्पक्ष समाधान सुनिश्चित किया जाए।

विशेष बातचीत में डॉ. चौहान ने स्पष्ट किया कि महिला आयोग पूरी संकल्पबद्धता के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमिता योजना में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। इसके लिए महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, कंप्यूटर प्रशिक्षण जैसे कौशलों से जोड़ा जाएगा और विशेष स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने की योजना पर भी विचार चल रहा है।

अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का भी जायजा लिया। उन्होंने छात्राओं की पढ़ाई और रहन-सहन की स्थिति में और सुधार लाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. चौहान ने कहा कि वह खुद छात्राओं के साथ भोजन कर वास्तविक स्थिति को देखना चाहेंगी। साथ ही, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को स्वास्थ्य सेवाओं से अधिक लाभ मिले, इसके लिए आशा बहुओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से संवेदनशील बनाने की बात कही।

महिला आयोग की अध्यक्ष ने यह भी कहा कि घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और कार्यस्थल पर यौन शोषण जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कानूनी साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि पीड़ित महिलाओं की शिकायतों का निस्तारण फास्ट-ट्रैक मोड पर किया जाएगा ताकि उन्हें समय पर न्याय मिल सके।

महिला आयोग की कार्यप्रणाली में बदलाव की जानकारी देते हुए डॉ. चौहान ने कहा कि अब आयोग हर सप्ताह जिलों का दौरा करता है और शिकायतों की विशेष मॉनिटरिंग रोजाना की जाती है। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकारों की तुलना में वर्तमान सरकार में आयोग की भूमिका और कार्यप्रणाली पूरी तरह बदल गई है और अब महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

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