News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ABVP ने मशाल यात्रा निकालकर दर्ज कराया विरोध

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ABVP ने मशाल यात्रा निकालकर दर्ज कराया विरोध

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ABVP ने मशाल यात्रा निकालकर रामस्वरूप विश्वविद्यालय, बाराबंकी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज का विरोध किया।

वाराणसी: रामस्वरूप विश्वविद्यालय, बाराबंकी में कथित अनियमितताओं और छात्रों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का विरोध लगातार तेज हो रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई ने सिंह द्वार से मशाल यात्रा निकालकर प्रदेश सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग दोहराई। मशालों की रोशनी और नारों की गूंज ने विश्वविद्यालय परिसर को देर शाम तक आंदोलित माहौल में बदल दिया।

ABVP कार्यकर्ताओं का कहना है कि 1 सितंबर को बाराबंकी स्थित रामस्वरूप विश्वविद्यालय में विधि छात्रों द्वारा अवैध रूप से संचालित पाठ्यक्रम के विरोध में किए जा रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने बेरहमी से लाठीचार्ज किया। इस कार्रवाई में कई छात्र और कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए थे। विद्यार्थी परिषद ने इस घटना को अमानवीय और अलोकतांत्रिक करार देते हुए दोषी पुलिसकर्मियों और विश्वविद्यालय प्रशासन पर कार्रवाई की मांग उठाई है।

विद्यार्थी परिषद का तर्क है कि विश्वविद्यालय में विधि पाठ्यक्रम बिना मान्यता और नवीनीकरण के संचालित किया जा रहा था, जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ हुआ। विरोध प्रदर्शनों के बाद आनन-फानन में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विश्वविद्यालय को सशर्त प्रोविजनल अनुमति प्रदान की, जो यह दर्शाता है कि पूर्व में पाठ्यक्रम अवैध तरीके से चलाया जा रहा था। परिषद ने आरोप लगाया कि शुल्क के नाम पर भारी-भरकम रकम वसूली गई और छात्रों को सामाजिक कल्याण शुल्क एवं अन्य मदों के नाम पर शोषण का शिकार बनाया गया।

बीते 4 सितंबर को परिषद ने प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भी भेजा था। आज की मशाल यात्रा उसी क्रम की कड़ी मानी जा रही है। परिषद की चार सूत्रीय मांगों में दोषी पुलिसकर्मियों व बाहरी तत्वों पर मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई, विश्वविद्यालय के अवैध संचालन की उच्चस्तरीय जांच, उच्च शिक्षा परिषद द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर त्वरित कार्रवाई और विश्वविद्यालय द्वारा कब्जाई गई सरकारी भूमि को मुक्त कराने की मांग शामिल है।

परिषद ने विशेष रूप से यह मुद्दा उठाया कि रामस्वरूप विश्वविद्यालय ने लगभग छह बीघे सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्माण कराया था। तहसीलदार न्यायालय ने 25 अगस्त को इस पर 27.96 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए 15 दिन में अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था। ABVP का कहना है कि इस आदेश को तत्काल लागू कराना जरूरी है ताकि छात्रों और जनता में यह संदेश जाए कि कानून और शिक्षा व्यवस्था से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मशाल यात्रा का नेतृत्व कर रहे ABVP काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रशांत राय ने कहा, "शैक्षिक भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के खिलाफ संवैधानिक रूप से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिसिया बर्बरता असहनीय है। यह सिर्फ छात्रों का सवाल नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था और कानून व्यवस्था की साख से जुड़ा मामला है। हम मांग करते हैं कि दोषी विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिसकर्मियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए।"

ABVP का यह आंदोलन धीरे-धीरे प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों और जिलों तक फैल चुका है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साथ-साथ इलाहाबाद विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर में भी मशाल यात्राएं आयोजित की गईं। परिषद का कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती और छात्रों को न्याय नहीं मिलता, तब तक यह आंदोलन और व्यापक स्वरूप लेगा।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
Bluva Beverages Pvt. Ltd

LATEST NEWS