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वाराणसी: अजय राय ने कफ सिरप मामले की हाईकोर्ट निगरानी में मांगी जांच , सरकार पर साधा निशाना

वाराणसी: अजय राय ने कफ सिरप मामले की हाईकोर्ट निगरानी में मांगी जांच , सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने वाराणसी में नशीले कफ सिरप प्रकरण को लेकर मोदी-योगी सरकार पर तीखा हमला बोला।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने नशीले कोडीन युक्त कफ सिरप प्रकरण को लेकर शनिवार को वाराणसी स्थित अपने कैंप कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्र और राज्य की मोदी–योगी सरकार पर तीखा और सीधा हमला बोला। उन्होंने इस मामले को प्रदेश की कानून-व्यवस्था, राजनीतिक संरक्षण और जांच की निष्पक्षता से जोड़ते हुए कहा कि यह सिर्फ एक अवैध दवा कारोबार का मामला नहीं है, बल्कि सत्ता के संरक्षण में पनप रहे संगठित अपराध का गंभीर उदाहरण है। अजय राय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए, ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके और किसी भी प्रभावशाली व्यक्ति को बचने का मौका न मिले।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोडीन युक्त कफ सिरप मामले में रोज़ नए-नए खुलासे हो रहे हैं और कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद सरकार की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में शामिल सभी लोगों के बैंक खातों को सार्वजनिक किया जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किसे अवैध कमाई से गाड़ियां, फ्लैट, कोठियां और अन्य महंगी सुविधाएं मिली हैं। अजय राय ने कहा कि अगर सरकार वास्तव में ईमानदार है तो उसे पारदर्शिता से डरने की जरूरत नहीं है।

पत्रकार वार्ता के दौरान अजय राय ने प्रतीकात्मक रूप से बुलडोजर और सीटी का प्रयोग करते हुए सरकार की “चयनात्मक कार्रवाई” पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार सीटी बजवाकर सच्ची आवाज़ों को दबाने का काम कर रही है। सवाल उठाया कि क्या योगी जी का बुलडोजर सिर्फ विपक्ष और असहमति की आवाज़ों के लिए ही चलता है? जब विपक्षी नेताओं पर कार्रवाई करने में देर नहीं लगती, तो फिर नशीले कफ सिरप कांड के आरोपितों पर बुलडोजर क्यों खामोश है? क्या बाबा का बुलडोजर अपराधियों और माफियाओं के सामने ठंडा पड़ जाता है?

अजय राय ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वे नशीले कफ सिरप मामले में सवाल उठा रहे थे, तब उनकी पेशी के दौरान सीटी बजाकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सच बोल रहा है, जो सवाल पूछ रहा है, उसी को चुप कराने का प्रयास किया जा रहा है। यह लोकतंत्र और कानून के राज के लिए बेहद चिंताजनक है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल का नाम लेते हुए कहा कि वह खुलेआम विदेश में बैठकर रील बना रहा है और सरकार की एजेंसियां तमाशबीन बनी हुई हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर उसे किसका संरक्षण प्राप्त है? जब गोवा के लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड भाग गए थे और उन्हें गिरफ्तार कर भारत लाया जा सकता है, तो फिर नशीले कफ सिरप कांड के मुख्य आरोपी को भारत क्यों नहीं लाया जा सकता? उन्होंने विशेष रूप से यह भी कहा कि यह प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है, ऐसे में यहां की सरकार को और अधिक संवेदनशील और सख्त होना चाहिए।

अजय राय ने मांग की कि नशीले कोडीन युक्त कफ सिरप मामले में शामिल सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए। जिन-जिन लोगों के नाम इस घोटाले से जुड़े हैं, उनके बैंक खातों की गहन जांच हो और अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध कमाई से बनाई गई करोड़ों रुपये की कोठियों और संपत्तियों पर बिना भेदभाव के बुलडोजर चलना चाहिए, तभी सरकार की नीयत पर भरोसा किया जा सकता है।

पत्रकार वार्ता में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस दौरान जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, पार्षद दल नेता गुलशन अली, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, मनीष मोरोलिया, डॉ. राजेश गुप्ता, अरुण सोनी, वकील अंसारी, ओमप्रकाश ओझा, चंचल शर्मा, अब्दुल हमीद डोडे, विनीत चौबे, सुनील राय, घनश्याम सिंह, अजित सिंह सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग दोहराई।

कुल मिलाकर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की यह पत्रकार वार्ता नशीले कफ सिरप प्रकरण को लेकर सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अब देखना होगा कि सरकार इन आरोपों और मांगों पर क्या कदम उठाती है और क्या वास्तव में इस संवेदनशील मामले में बिना किसी दबाव के न्याय सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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